Friday, 3 September 2021

Retirement hindi poem ,ek nai shuruaat , Dr Arun tripathi @sunilagrahari


डॉ अरुण त्रिपाठी  जी ,डाइरेक्टर जनरल ऑफ़ नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोलर  एनर्जी ,ज़िंदगी की नई पारी आरम्भ की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाये , मेरी ये छोटी रचना आप को साभार समर्पित। 



            





**नूतन आरम्भ** 

सूरज का पर्यायवाची हूँ ,अरुण है मेरा नाम,
जीवन पथ पर बढ़ते रहना प्रतिदिन मेरा काम,

कोटि नमन है ईश्वर को, जो सूरज से मिलवाया ,
सौर ऊर्जा से अपने नाम को मैं सार्थक कर पाया ,

ऊंच नीच और धूप छाव में, कभी  नहीं हूँ थकता,
चाहे कितनी मुश्किलआए, कभी  नहीं मैं रुकता,

अस्त न होता सूर्य कभी ,सिद्धांत मेरा ये कहता,
जगह बदल ब्रम्हांड में ,हर समय चमकता रहता,

उसी तरह से एक जगह पर, खत्म हुई मेरी पारी,
स्थान बदल कर नूतन कार्य की ,आई है मेरी बारी 

जीवन कर्म के पथ के साथी, सब को मेरा सलाम ,
मिलते रहे है मिलते रहेंगे यही मेरा है पयाम  ........ 

👉कृप्या कविता यूट्यूब लिंक क्लिक करे