Poem published in " JANKAARI KAAL" magazine Delhi AUGUST 22
मेरे ये भाव देश के हर जवान को राखी
के पवित्र पर्व पर समर्पित है। आप दीर्घायु हों,
आप का परिवार सदैव स्वस्थ एवम सुखी रहे ।
*राखी वीरों वाली*
पहन के वर्दी सैनिक की,
गुजार दी सारी जिंदगी,
सर्दी गर्मी बरसात धूप,
में काट दी सारी जिंदगी।
हम चैन से घर पे सोते रहे,
तुम खड़े जागते सीमा पर ,
ये देश सदा माफूज रहे,
सर वार दिए तलवारों पर ,
यारों की छूट गई टोली,
खेल खिलौने बमगोली,
त्योहारो में खूँ की होली,
अब दुश्मन तेरे हमजोली ,
तेरा देश ही परिवार है,
तू देश का पहरेदार है ,
कलाई पर सजा लेना,
ये राखी नही तलवार है।
तू भी तो मेरे जैसा है,
तुझे दिल से मेरा वंदन है,
तू रहे सलामत हर जंग में,
तुम्हे भेजा रक्षा बंधन है।
मौत से जंग तू लड़ता है,
मरने से तू डरता ही नहीं ,
बाते चाहे कितनी कर लें,
पर तेरे जैसा कोई नहीं ।
पर तेरे जैसा कोई नहीं ।
पर तेरे जैसा कोई नहीं ।
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