Monday 8 August 2022

hindi poem for soldiers @sunilagrahari












आक्रोश पत्रिका मरिशास में जनवरी 2023 में प्रकाशित ।


*जवान होता है*


एक वीर सिपाही का , 
बोलो मज़हब क्या होता है ?
ना वो सिक्ख होता है ,
ना वो ईसाई होता है,
ना वो हिन्दू होता है,
ना वो मुसलामन होता है,
देस पे मर मिटने वाला 
वो प्यारा जवान होता है। 


ना उसकी ईद होती है ,
ना उसकी होली होती है,
ना उसकी लोड़ी होती है,
ना उसकी क्रिसमस होती है, 
वतन के हर त्योहारों में,
उसकी तो ड्यूटी होती है,
बस हम परिवार में होते है 
जवाँ सीमा पर होता है,
ना वो हिन्दू होता है,
ना वो मुसलामन होता है,
देस पे मर मिटने वाला 
प्यारा जवान वो  होता है। ।  

किसी ना जात की रक्षा 
किसी ना धर्म की रक्षा 
किसी मंदिर मस्ज़िद गुरुद्वारा  
और ना चर्च की रक्षा 
देस की मिटटी दीन धरम 
करता आन की रक्षा 
वतन के झंडे के खातिर 
वो कुर्बान होता है ,
ना वो हिन्दू होता है,
ना वो मुसलामन होता है,
देस पे मर मिटने वाला 
प्यारा जवान वो  होता है। 

No comments:

Post a Comment