उम्मीद चाँद मामा की (व्यंग )6/07/2014
चंद्रयान 3 - 23 august 23
मामा जी को भांजे का प्यार का मिलने वाला है ,
चाँद में भी नया जन जीवन मिलने वाला है
बात सुन खुश है प्रॉपर्टी डीलर दुनियां के
धन्धे में अब नया मोड़ आने वाला है
दाम चार गुना फ्लैट देंगे चंदा मामा
कह देंगे मैट्रो का प्रोजेक्ट आने वाला है
कहते है की दुनियां तरक्की आज कर रही जी
चाँद में भी नया जन जीवन मिलने वाला है ,
चूल्हा और कढ़ाई संग हलवाई जाने वाला है
बाटी चोखा चाऊमीन इडली और सत्तू बर्गर
चाँद मामा अब छोले कुल्चे खाने वाला है
कहते है की दुनियां तरक्की आज कर रही जी
चाँद में भी नया जन जीवन मिलने वाला है ,
रिश्तों का मारा चाँद आज भी अचम्भे में
नर है या नारी ये समझ नहीं आता है
महबूबा जैसी शक्ल कहे आशिक और कवि सारे
अफ़सोस चंदा मामा कवांरा ही रहने वाला है
कहते है की दुनियां तरक्की आज कर रही जी
कहे चाँद मामा सुनो सुनो वैज्ञानिक जी
इंतज़ार चांदनी मामी का आज भी है चन्दा मामा को ,
दुनियां खत्म से पहले आप से उम्मीद है
सुना है चांदनी का आविष्कार होने वाला है
कहते है की दुनियां तरक्की आज कर रही जी
चाँद में भी नया जन जीवन मिलने वाला है ,
कविता का विषय अच्छा है.कल सब लोग वैसे ही चांद पर जा सकते हैं जैसे कल हवाई जहाज को सिर्फ या मात्र देखने वाला आज जहाज में ऐसे चढ़ता है जैसे लोग बस/ट्रेन से आवा जीही करते है.यह एक optimistic कविता है.आशावादी है.एक गीत जो ४० वर्ष पहले 'उजाला'फिल्म का एक गाना लिखा गया था- सूरज ज़रा आ पास आ आज सपनों की रोटी पकाएंगे हम...पर कवि इस कविता में चाहता है कि ग़रीब से गरीब आदमी भी....पकौड़ा पकेने वाला भी चांद को भी अपना समझे....वहां पहुंचे.In a way it is z way to democratization of the moon.
ReplyDeleteकुछ छोटी मोटी भूलें हैं जो typing mistakes हो सकते हैं...ग़लतियां नहीं.
Raj Heeramun.
Mauritius.
04.06.2014.
अति उत्तम
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