.......... कर्म ............(०९/०६/२०१५)
मनुष्य हो कर्म पे, विश्वास तुम करो ,
मनुष्यता के धर्म को, ध्यान में धरो
Music
लक्ष्य के डगर पे तुम ,अडिग, बने चलो
सत्य की जुबां बनो ,इससे न टलो
लक्ष्य है पुकारता ,ध्वनि को तुम सुनो
परिस्थितियां विषम मगर ,इमांन को चुनो
Music
धूप छाँव रात दिन का ,फर्क न पड़े
मुस्कुराहटें कम ना हो ,आपदा पड़े
आंधी पानी कुछ भी हो, रहो निडर खड़े
कदम ताल ना डिगे, सुरताल में बढ़े
Music
कमर कसो जीत का ,ताना बाना तुम बुनो,
नया गीत गुनगुनाओ, विजय धुन धुनों,
मंजिलों के बुर्ज़ पर आराम तुम करो ,
प्यार संग सब के रहो,नफ़रत न करो ,
जीत हो कैसी भी , गुरुर न करो ,
शपथ लो दृढ संकल्प, कर्म तुम करो।
सुनील अग्रहरि

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