*****वर्ना *****३० /१०/२०१५
ना करो दिल से वफ़ा की दुआ ,
वर्ना पाओगे बेवफाई ही ,
प्यार तो होता है जुदा होकर ,
वर्ना मिलना तो रस्मअदाई ही ,
जिस्म का चैनों सुकून आग में बसा ,
वर्ना ठंडक तो है सच्चाई ही ,
इश्क़ करना तो बस हुनर समझो ,
वर्ना है भरोसा आजमाइश ही ,
जारी रखना इश्क में हंसना ,
वर्ना आम है इश्क़ में रुलाई ही ,
क्यूँ तड़पता है न तड़प प्यार में ऐ दिल ,
वर्ना मिलती है , तन्हाई ही ,
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