Thursday 8 December 2016

poem for society , SAMRIDDH SAMAJ HINDI POEM , SAJAG NAGARIK HINDI POEM ,BY SUNIL AGRAHARI -समृद्ध समाज-SDGs # 17- poem on - Revitalize the global partnership for sustainable development by sunil agrahari

SDG SONG GOAL 17: PARTNERSHIPS FOR THE GOALS

Published in  Mauritius 
Magazine - Akrosh
February 17

 *******समृद्ध समाज *******

जब होगा ये सजग नागरिक ,
तब होगा समृद्ध समाज ,
कल पर नहीं टालना इसको,
हमें सोचना होगा आज। 

मानव का धर्म सत्य अहिंसा ,

विश्वास हमारा शान्ति में हो ,
जाति भेद रंग दूर करे हम, 
स्थापित हो संयुक्त समाज। 

श्रेष्ठ उत्थान ,भविष्य हो स्वर्णिम,
जन जन करे सामाजिक कार्य ,
सतत प्रयास से सफल बनेगा ,
सजग नागरिक , समृद्ध समाज। 

दृढ़ प्रतिज्ञ हों ,दिव्य मूल्य से ,
अन्तः उर  से  हो  आवाज़ ,
विलम्ब ना करना , आगे बढ़ना 
सजग नागरिक , समृद्ध समाज। 

स्नेह दया का मान रखे हम 
एक दूजे का रखे ध्यान 
सिद्धांत पुरातन नूतन जोड़ ,
निर्माण करें आदर्श समाज। 

अपना पराया सोच से हट कर 
प्रथम वरीयता समाज हो ,
प्रगति करे पर नैतिकता के संग ,
सजग नागरिक समृद्ध समाज। 

मानवता ही सम्प्रदाय हो 

प्रेम ईमान की भाषा हो ,
प्रेरणा लेकर आत्म संयम की,
निर्मित करे नवीन समाज। 

परोपकार में मन हो समर्पित ,

सब का हो हार्दिक सम्मान ,
देश प्रेम से प्रेरित हो कर ,
राष्ट्रहित में करे सब काज।  ८/१२/२०१६


सुनील अग्रहरि 
एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल 
मयूर विहार ,फेज़ -१ 
दिल्ली -९१ 
फ़ोन -011 47770777 
मोबाइल -07011290161 

विषय -जाति रंग सम्प्रदाय ,देश और भाषा का भेद भाव ना रखते हुए मनुष्य को आत्मसंयम की प्रेरणा  







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