Saturday 27 April 2024

alag hindi poem @sunilagrahari




*****अलग***** 

आज कल सब को सब कुछ अलग चाहिए,
घर में बच्चो को , मेहमानो को ,बहू बेटो को ,
बहार वाले गार्ड को अंदर वाले चपरासी को ,
बॉस के पी ऐ को ऑफिस में बाबू को 
                                                           कमरा अलग चाहिए .

बस के कंडक्टर को ट्रेन के टी टी को 
घाट  के पंडित को , बैंक के कैशियर को ,
हॉस्पिटल  के डॉक्टर  को ,थाने में इंस्पेक्टर को, 
बैठने की सीट अलग चाहिए .
भगवन के दर्शन को ,भीड़ में  खड़े भक्तों को ,
बाबा जी के भक्तों को , भंडारे खाने वालों को 
लाइन से अलग  जगह चाहिए। 

क्या क्या कहूं किसको क्या चाहिए 
मुझे लिखने को बहुत से शब्द चाहिए 
कहने पे सबकुछ बवाल  चाहिए
पढ़ने सुनने वालो को सयंम चाहिए 
बस थोड़े में आप को पूरा समझाना चाहिए 








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