Thursday 3 October 2019

POEM ON SINGLE USE PLASTIC IN HINDI

  






POEM ON SINGLE USE PLASTIC IN HINDI

*****प्लास्टिक का रावण*****

प्लास्टिक का रावण तब ही मरेगा 
जब इंन्सा इसका विभीषण बनेगा 
हमी ने बुलाया हमी ने बैठाया
प्रदूषण का रावण हमने बनाया 
धीरे धीरे प्लास्टिक सब में समाया 
सारी दुनिया में अब पैर है जमाया 

जीने की खातिर क्या कर दिया
जहर को हमने अमृत समझ लिया
हमारा ही वंश कल को आएगा 
प्रदूषण से जान मुश्किल में पाएगा 
पहले भी तो हम तुम रहते ही थे 
ज़रूरतें सारी  पूरी हम करते ही थे
आओ हम रहे जिए पहले जैसे 
मुश्किल होगी पर रह लेंगे ऐसे वैसे

गलती तो हम तुम, कर ही चुके है 
प्लास्टिक के मेहमान घर ला चुके है 

ये दुनिया मिटटी में मिल जाएगी 
प्लास्टिक की दुनिया रह जायगी





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