Sunday 29 March 2020

Corona mahamari hindi poem , KAHAR CORONA कहर कोरोना मातम महामारी -BY POEM SUNIL AGRAHARI


                          

सायं सायं सन्नाटा मातम चारो ओर है 
ख़बरों में  हर तरफ छाया मौत शोर है 

मनहूसियत सुबह लिए जाने कैसा भोर है 
हाथों में मौत लिए सांसों की डोर है

मौत धुन कोरोना नाचे दुनियाँ झकझोर है 
सहमा संगीत थमा ,डरा हुआ मोर है 

मौत की बारिश से दुनियां सराबोर है 
कब कौन भीग जाए खौफ , बरखा घनघोर है 

कैद अपने घर में बन्दा जैसे कोई चोर है 
हर पल हज़ार मौत किसी का न ज़ोर है

तरक्की लाचार आज ,गुम मौत का छोर है  
छूने वाला चाँद आज इन्सा , बेबस कमज़ोर है 

कोरोना पर कविता ,hindi poem on korona, maahamri par kavita ,korona par kavita  by sunil agrahari, korona 


3 comments:

  1. korona ke dard ko bayan karti bahut hi sundar maarmik kavita .

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    1. आप ने इस कविता को अपना आशीष दे कर जीवित कर दिया है , बहुत बहुत शुक्रिया आभार

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    2. आप ने इस कविता को अपना आशीष दे कर जीवित कर दिया है , बहुत बहुत शुक्रिया आभार

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