Beginning sunil
1-यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है
नारी ही कि सारी है कि सारी ही कि नारी है
हमारा समाज नारी और पुरुष के सहयोग से ही बनता है । घर बसाना ,परिवार चलाना और
#तो इसी कड़ी में प्रस्तुत है एक गीत जो बड़े ही कम वख्त में आप के लिए तैयार किया है, आशा करता हूँ आप को गीत के शब्द एवं भाव बहुत अच्छे लगेगें । ......
#अब मै उन्हें बुलाना चाहूंगा जिन्होंने tradition of international women's day को आगे बढ़ाते हुए हम सब को आज यहाँ पर एक साथ एकत्रित किया है respected principal sir please come on the stage .
1-यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:।
#अर्थात मनुस्मृति में नारी की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा गया है कि
#अर्थात मनुस्मृति में नारी की महत्ता प्रतिपादित करते हुए कहा गया है कि
जहां नारी का सम्मान होता है वहाँ देवताओ का वास होता हैं ,और जहां नारी का सम्मान नहीं होता वहाँ अच्छे से अच्छा कर्म भी फलदायी नहीं होता |
Where Women are honored, divinity blossoms there,
and where ever women are dishonored,
Where Women are honored, divinity blossoms there,
and where ever women are dishonored,
all action no matter how noble it may be, remains unfruitful.
GOOD AFTERNOON respected Director sir ,Principal sir ,Head Mistress mam ,Head Master sir , AHM Middle section and AHM pre primary section and my dear teachers #इस नारी प्रधान स्कूल में अल्पसंख्यक रुपी पुरुषों की तरफ से international woman's day की आप सभी को अग्रिम हार्दिक शुभकामनाये।
सारी बीच नारी है कि नारी बीच सारी है
नारी ही कि सारी है कि सारी ही कि नारी है
हमारा समाज नारी और पुरुष के सहयोग से ही बनता है । घर बसाना ,परिवार चलाना और
उसकी व्यवस्था रखना नारी के हाथ में ही है ।यदि वह अपने इस दायित्त्व से विमुख हो
जाए अथवा उपेक्षा बरतने लगे तो कुछ ही समय में यह व्यवस्थित दिखाई देने वाला
समाज अस्त व्यस्त दिखाई देने लगेगा । सृष्टि से लेकर समाज का संचालन क्रम
मुख्यतः नारी पर ही निर्भर है ।
समाज अस्त व्यस्त दिखाई देने लगेगा । सृष्टि से लेकर समाज का संचालन क्रम
मुख्यतः नारी पर ही निर्भर है ।
आज के इस बदलते वख्त में हर व्यक्ति अपनों या दूसरों के सुख दुःख में कभी ख़ुशी कभी गम की तरह उलझा हुआ है,और वो सुख दुःख के साथी कभी माँ बहन बेटी पत्नी बन कर हम सब के जीवन में ३६५ दिन 24 घंटे कन्धे से कन्धा मिला कर हमारा सहयोग किसी ना किसी रूप में करती रहती है , इसके लिए उन्हें हमेशा शुक्रिया करें और साल में कम से कम एक दिन यानि 8th मार्च को उनके इस महान सहयोग के लिए उन्हें थोड़ा special feel करवाये ,
कहते है #भूख है तो खाना चाहिए , प्यार है तो जाताना चाहिए , इज़्ज़त है तो करना चाहिए , और हम आप को समझते है ये बात उन्हें बताना भी चाहिए........
#तो इसी कड़ी में प्रस्तुत है एक गीत जो बड़े ही कम वख्त में आप के लिए तैयार किया है, आशा करता हूँ आप को गीत के शब्द एवं भाव बहुत अच्छे लगेगें । ......
#अब मै उन्हें बुलाना चाहूंगा जिन्होंने tradition of international women's day को आगे बढ़ाते हुए हम सब को आज यहाँ पर एक साथ एकत्रित किया है respected principal sir please come on the stage .
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