*सिपाही*
सिपाही घर वापस आएगा ,
लेकिन वो कैसे वापस आएगा
ये उसको पता न होता है ,
देश की सेवा के खातिर
हर कोई कुछ न कुछ करता है
लेकिन वतन की सेवा के खातिर
सब से ज्यादा, सिपाही ही शहीद होता है ।
दुश्मन को शहीद कर देता है
या वतन पे शहीद हो जाता है
वो कभी यादों के साथ आता है
कभी तिरंगा फहरा कर आता है
तो कभी तिरंगे में लिपट कर आता है
लेकिन
सिपाही जरूर घर वापस आता है
हर कोई रोज़ी रोटी के
लिए घर से बाहर जाता है
एक सिपाही तो ही है जो ,
मरने के लिए बाहर जाता है,
एक बार हिम्मत कर देखो ,
कलेजा कांप जाता है ,
लेकिन सिपाही ख़ुशी ख़ुशी
सीमा पे जा डट जाता है ,
हम सब का मन एक खरोच से
कितना विचलित हो जाता है
वो गोली सीने पे खा कर भी
जय भारत माता कहता है ,
कभी अपाहिज हो जाता ,
तो कभी टुकड़ो में वापस आता है
एक बार ज़रा सोचो उसके
परिवार का हाल क्या होता है
लेकिन
सिपाही जरूर घर वापस आता है....
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