अपने जैसे चाहा बनाना उसे ,
बन गए उसके जैसे, पता न चला ,
डरते थे मौत से, के आ न जाये कही ,
मर गए इश्क़ से , और पता न चला
अँधा इश्क है, या, इन्सा अँधा होता है ,
कैसी गफलत है ,अब तक पता न चला ,
मर्ज़ है या ये लत ,अब तलक है बहस,
लोग करते है, या हो जाता है ,पता न चला ,
इश्क का उम्र से ,कोई लेना देना नहीं ,
उम्र बचपन है या पचपन, पता न चला ,
बचपना, उम्र पचपन में करने लगे वो ,
चर्चा -ए -आम होता है, पता न चला,
इश्क तक ठीक था ,शादी तक हो गई ,
ये दुर्घटना कब हुई ,ये पता न चला ,
इश्क एकतरफा हो, तो खतरनाक है ,
बन्दा लुटता रहा और , पता न चला ,
टूटा जब इश्क से ,तब ये आई समझ ,
बन्दा था काम का अब तक ,पता न चला ,
जीने के सलीके से, मै वाकिफ न था ,
इश्क ने सिखा दिया, और पता न चला
इश्क से पहले मै, आलसी था बहोत ,
अब घड़ी बन गया हूँ ,पता न चला ,
सोते से जाग जाता हूँ, उसके लिए
कब सुबह हो गई , ये पता न चला ,
डरते थे मौत से, के आ न जाये कही ,
मर गए इश्क़ से , और पता न चला
अँधा इश्क है, या, इन्सा अँधा होता है ,
कैसी गफलत है ,अब तक पता न चला ,
मर्ज़ है या ये लत ,अब तलक है बहस,
लोग करते है, या हो जाता है ,पता न चला ,
इश्क का उम्र से ,कोई लेना देना नहीं ,
उम्र बचपन है या पचपन, पता न चला ,
बचपना, उम्र पचपन में करने लगे वो ,
चर्चा -ए -आम होता है, पता न चला,
इश्क तक ठीक था ,शादी तक हो गई ,
ये दुर्घटना कब हुई ,ये पता न चला ,
इश्क एकतरफा हो, तो खतरनाक है ,
बन्दा लुटता रहा और , पता न चला ,
टूटा जब इश्क से ,तब ये आई समझ ,
बन्दा था काम का अब तक ,पता न चला ,
जीने के सलीके से, मै वाकिफ न था ,
इश्क ने सिखा दिया, और पता न चला
इश्क से पहले मै, आलसी था बहोत ,
अब घड़ी बन गया हूँ ,पता न चला ,
सोते से जाग जाता हूँ, उसके लिए
कब सुबह हो गई , ये पता न चला ,
चांदनी इश्क वालो के ,संग होती है
सूरज कब ढल गया , पता ना चला ,
इश्क से, इश्क करते है, इश्क वाले ही,
इश्क वालों को, अब तक पता न चला ,
मज़हबी ,बुज़दिल ,सियासते इश्क,करते है ,
इश्क मासूम है उनको पता न चला ,
जिंदा दिल ही, इश्क किया करते है
अच्छा है की मुर्दा दिल को, अब तक पता न चला ,
इश्क तो खुदा की, इबादत पाक है ,
नापाक इश्क हो रहा है , पता न चला ,
इश्क में तो जान, दिया करते है ,
अच्छा है की मुर्दा दिल को, अब तक पता न चला ,
इश्क तो खुदा की, इबादत पाक है ,
नापाक इश्क हो रहा है , पता न चला ,
इश्क में तो जान, दिया करते है ,
कत्ले इश्क करने वालो को, पता न चला ,
सहरदे मिल गई ,मज़हबी मिल गए ,
दुश्मनी दफ्न हो गई ,पता न चला ,
दूरियां घट गई , नजदीकियां बढ़ गई .
ये नासमझों को अब तक पता न चला ,
इश्क से अश्क है ,अश्क से इश्क है ,
खेल नज़रो का दोनों पता न चला
इश्क़ और मुश्क दोनों छुपते नहीं ,
दोनों दिखते है सबको पता न चला ,
सहरदे मिल गई ,मज़हबी मिल गए ,
दुश्मनी दफ्न हो गई ,पता न चला ,
दूरियां घट गई , नजदीकियां बढ़ गई .
ये नासमझों को अब तक पता न चला ,
इश्क से अश्क है ,अश्क से इश्क है ,
खेल नज़रो का दोनों पता न चला
इश्क़ और मुश्क दोनों छुपते नहीं ,
दोनों दिखते है सबको पता न चला ,
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