Thursday 9 May 2013

Dharm ki patni hindi funny vyangya kavita , धरम की पत्नी-कविता -patni kavita vyangy, hindi funny poem on wife's

सुन सुन मेरी सास री ,
अब मेरा निकला दम,
कह के भेजा फुलझड़ी ,
निकला वो एटम बम ,

उससे कैसे निभाऊ
उसको समझ न पाया ,
मै बदला उसके खातिर ,
पर उसे बदल न पाया ,

सुन कर उसकी बात
मुझे जब गुस्सा आता ,
कहती है न शोर करो
 मेरा दिल घबराता ,


कहती है न शोर करो
shopping पर जाना है
exchange offer में आज
बदल कर कुछ  लाना है ,


जानू , ए  जी सुनते हो
कह के प्यार जताती
मतलब पूरा होते  ही
राशन पानी ले चढ़  जाती ,

कसम से मै  तो हिल जाता  हूँ ,
रूप देख कर ,
गिरगिट भी क्या  रंग बदलेगा
mood देख कर ,


hidden talent की खान है
मेरी बीवी भाई ,
पता नहीं कुछ भी लेकिन
बहस पूरी है भाई ,


am pm  time  से
उसका नहीं है लफड़ा
जब जी चाहे उसका
 मुझसे करती झगड़ा


boss के  room   में  जब
मेरा phone  बजता है भाई ,
डर  जाता  हूँ phone पे
बीवी प्रकट  तो नहीं हो आई ,

boss  मुझे कहते है ज़रा
अपना project  तो समझाना ,
उस समय   बीवी phone पे  कहती है
5 रूपए की दही ले आना ,

5 रूपए की दही ले आना
आज कढ़ी खानी है ,
घर आना जल्दी तुम ,
market से दाल बड़ी लानी है ,

दाल बड़ी लानी है घर
कल आएगा भाई
छूट गई है  नौकरी उसकी
अब यही रहेगा भाई ,

बस हो गया  कल्याण
मेरा घर आया साला ,
करो उसका सम्मान
जैसे अफसर हो आला ,

पाँव उठा कर देती
कहती पैर दबाओ
वर्ना ब्यूटी पार्लर से
घर तक रिक्शा चलवाओ ,

अगर सुखी जीवन
जीना चाहो तुम दोस्त
बन जाओ बोवी  के
घर  जाकर  host ,

कहो के beautiful है
मेरे साला साली,सुन कर
बीवी हो जाएगी गुलाब
चाहे हो    जामुन काली ,

कहते है .....................

शादी बिन जीवन नहीं ,
जीवन नहीं बिन शादी ,
जान बूझ कर होश हवास में
करनी पड़ती है  बर्बादी ,


नोक झोंक कर  लड़ते रहते ,
एक ही  छत के नीचे ,
फिर भी  नही वो रह पाते है
एक दूसरे से आँखे मीचे,








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