Wednesday 26 March 2014

Holi Milan kavi sammelan in ahlcon international school2014 by sunil agr...

  

.............  हास्य कवि  (चुनावी मौसम ) होली मिलन समारोह   ……… 


आ गया है चुनाव का मौसम ,

झड़ी वादों कि लगने लगी है,

कोई नेता नहीं घर था आता ,

अब बेवक्त घंटी बजने लगी है ,

आ गया है चुनाव का मौसम ………



वादे पिछले हुवे न थे पूरे ,

फिर भी बेशर्मी से मुस्कुराते ,

सड़ रहे उनके वादे पुराने ,

बदबू उनमे से आने लगी है

आ गया है चुनाव का मौसम ………



दांत और बाल नेता के थे नकली

लगते थे पोस्टरो में वो असली ,

झूठ दुनिया से क्या क्या छुपाना

जनता सब कुछ समझने लगी है………



फंड  जनता का तुमने डकारा ,

शब्द बेईमान भी तुमसे हारा ,

वक्त तेरा बुरा है आने वाला,

जनता दिन तेरे गिनने लगी है

आ गया है चुनाव का मौसम .......



भर्ती है टैक्स मर मर के जनता ,

बदले में उनको ठेंगा ही मिलता ,

अब नेता जी का टिकट है कटने वाला

जनता सोते से जगने  लगी है

आ गया है चुनाव का मौसम ......



नेक तेरे नहीं है इरादे ,

वादे कर के मुकरते के फिरते भागे

पाप कर्म कि तुम हो नुमाइश ,

बात अब ऐसी होने लगी है।

आ गया है चुनाव का मौसम।


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