… अध्यापक …… (व्यंग्य ) १० /०१/२०१५
कोई गुरु कोई टीचर कोई अध्यापक कहता है ,
तुम्हारे ज्ञान के कारण हर पैरेंट सर झुकता है
मगर मन ही मन में औरों से इक बात कहता है
नहीं बन पाता कुछ पढ़ कर वही तो टीचर बनता है ,
हमारे समाज में आज भी टीचर बनना कोई बड़ा काम नहीं है , और पुरुष टीचर तो दया का पात्र माना जाता है और वहीं महिला टीचर मतलब लकी ड्रॉ , सब के लिये चाहे वो ससुराल हो या घर,
तो कहते है …
बने महिलाएं जो टीचर तो कीमत उनकी बढ़ जानी है,
बहू बनती कमाऊ वो , पती की जेब कटनी है ,
अगर पुरुष बने टीचर तो गिनती उल्टी हो जानी है ,
करे जी फाड़ मेहनत वो, कहते ये काम अब जनानी है,
स्कूली शिक्षा में टीचर्स को चार भागों में बांटा गया है , और पिछले जन्म के पापो के हिसाब से अलग -२ उम्र के बच्चों के अध्यापक बनते है , NTT प्री प्राइमरी , PRT क्लास 1 से 5 , TGT क्लास 6 से 8 और PGT क्लास 9 से 12 तक के बच्चों को पढ़ाते और उनकी समस्याओं से दो चार होते है
तो कहते है…
बचपन में किया जो पाप तो वो NTT होता है
लड़कपन में किया जो पाप तो वो PRT होता है
किया तरुणाई में जो पाप तो वो TGT होता है
किया जो पाप बुढ़ापे में तो वो पीजीटी होता है
स्कूल का सीस्टम जिन लोगो से चलता है उनके साथ खट्टे मीठे अनुभव रोज़ होते रहते है
तो कहते है…
जो आउट इन से होते चार्ज वही इंचार्ज होते है
करे मिस हेड के स्ट्रेस को वही हेड मिस्ट्रेस होता है
पल पल जो करे प्रिंसिपल वो वाईस प्रिंसिपल होता है ,.... और
करे जो ऐज को मैनज वही मैनेजर होता है
करे हर बात पे टर टर वही कोर्डिनेटर होता है ,
जिसे पल पल की रहती खबर वही तो प्रिसिपल होता है,
अरे ओ बच्चों माँ बाप तुम्हे कुछ पता भी होता है ,
इन्ही टीचर्स के दम पे समाज पढ़ा लिखा होता है ,
जिसे न मिले गुरु वो अंगूठा छाप होता है ,
मेरा तो काम है लिखना किसी को फर्क क्या पड़ता है
कोई गुरु कोई टीचर ………।
करे मिस हेड के स्ट्रेस को वही हेड मिस्ट्रेस होता है
पल पल जो करे प्रिंसिपल वो वाईस प्रिंसिपल होता है ,.... और
करे जो ऐज को मैनज वही मैनेजर होता है
करे हर बात पे टर टर वही कोर्डिनेटर होता है ,
जिसे पल पल की रहती खबर वही तो प्रिसिपल होता है,
अरे ओ बच्चों माँ बाप तुम्हे कुछ पता भी होता है ,
इन्ही टीचर्स के दम पे समाज पढ़ा लिखा होता है ,
जिसे न मिले गुरु वो अंगूठा छाप होता है ,
मेरा तो काम है लिखना किसी को फर्क क्या पड़ता है
कोई गुरु कोई टीचर ………।
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