Friday 16 January 2015

poem on dog's faith वफ़ादारी (कुत्ता ) - hindi -wafadari

             






 ……वफ़ादारी (कुत्ता )-१५/०१/२०१५/......





सूनी राहों में न जाने किसे देख, चिल्लाता है रात भर ,
उसकी वजह से  ही तो  चैन से  सोते  है  परिवार  भर ,
प्यार से जब भी उसे देखा , लिपट जाता है  पैरों से 
लेकिन दोस्ती नहीं करता, कभी वो झटपट गैरों से ,
सेना से आम आदमी तक ,होती है  उसकी  पूछ  ,
नहीं वो छोड़ता कभी साथ , चाहे नीच हो या ऊँच ,
परहेज़ नहीं कुछ खाने से ,चाहे जूठा हो या सुच्चा ,
मिले फेंक के चाहे या बर्तन में, हर भोजन है अच्छा ,
कोई घूमे गाड़ी पे , कोई सड़क पे आवारा ,
किसी ने प्यार से चूमा , किसी ने ईंट से मारा ,
सब से ज्यादा मौत सड़को पे इनकी ही होती है 
कहानी और फिल्मो में चर्चा , इनकी भी होती है 
हिफाज़त और वफादारी गुण इनके है पैदाइशी,
लेकिन लोगो का है व्यवहार इनसे जैसे कोई वहशी,
नहीं आया इनमे कोई बदलाव , सदियों से आज तलक , 
इन्सां  ने  ना सीखा इनसे कुछ , बदल जाता है झपकते पलक,
हमारी दुनियां में इनकी , नहीं  है भागीदारी कम, 
वफ़ादारी इनसे सीखें   ,निभाएं ज़िम्मेदार हम   ……… 
  



1 comment:

  1. BAHUT HI BADIYA>>>>>

    Sir, apki likhi her kavita me dam hai
    Aur, aap bhi kisi se na kam hai
    Dekho, kavi to pahucta hai sirf ravi tak
    Per, aap pauchte samaz ke har pahlu tak
    Aapse chipa hai na koi saksh
    Kyuki pakad lete hai aap sabhi ko
    shabdo me kaid kar kavita bana lete hai
    aur chu jate hai wo sabhi ke mann ko

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