****भारत की सैर कराता हूँ ********
मेरे वतन की बात बताता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
ये प्रेम की बगिया है ,
प्यार की है फुलवारी ,
मिठास झलकती हर पुष्प में ,
जिससे आकर्षित दुनियां सारी
तिरंगे से पहचान है , तिरंगे से ही मान
अब हर दिल ये कहता है
मेरा भारत महान
उस बाग़ की बात बताता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
यह वह पवित्र भूमि है
जहाँ राम कृष्ण ने कदम रखे
इतने पावन है लोग यहाँ
हर एक में भगवान दिखे
गंगा जमुना का संगम और गोदावरी की धारा ,
प्रकृति की गोद में बसा अतुल्य वतन हमारा ,
उस पवित्र धरती की बात बताता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
जब गांधी ने थी आवाज़ उठाई
तब साथ पूरे देश का था
जब अंगेजो को धुल चटाई
तब वो जज़्बा कुछ विशेष सा था
जिसकी प्रतिभा अनेकता में एकता की हो
उस भारत भूमि को मैं नित नित शीश नवाता हूँ
उन शहीदों की अमरगाथा सुनाता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
जहाँ सदियों पहले ऋषियों ने
चाँद तक की दूरी बतलाई
फिर पहुँच कर मंगल पर
अपनी शक्ति है दिखलाई
सम्पूर्ण विश्व की सैर कर मन ये कह उठता है
सरे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा
उस विलक्षण शक्ति की बात बताता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई
मिल जुल कर रहते भाई भाई
विभिन्न संस्कृति भाषा प्रदेश
अलग खान पान और अलग है देश
जहाँ मिठास के साथ है थोड़ी खटास
फिर भी सब प्रेम से रहते साथ साथ
उस अद्भुत स्थल की बात बताता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
जिस भूमि ने जनम दिया वीरों को
जिस भूमि ने पहचान दी वीरो को
इस सोने की चिड़िया की महानता कैसे व्यक्त करूँ
शब्दहीन हो जाता हूँ जब इसकी बात बताता हूँ
स्वयं को इस पवित्र भूमि का बतलाता हूँ
भारतीय होने का गौरव से भर जाता हूँ
ऐसे वतन की गाथा सुनाता हूँ
आओ मैं भारत की सैर कराता हूँ
सचिन शर्मा
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