बिकाऊ…०७ /०६/२०१५
आज कल इस दुनिया में हर चीज़ बिकाऊ हैइन्सा की जुम्बिश है , हर चीज़ बिकाऊ है जुम्बिश -हरकत
जो नज़र नहीं आता , अब वो भी बिकाऊ है
इन्स ने न कुछ छोड़ा अब ,भगवन बिकाऊ है
आज कल इस दुनिया में ..........
दूल्हा दुल्हन दोनों ,ऑनलाइन बिकाऊ है
प्यार तो था अनमोल ,अब वो भी बिकाऊ है
है वक़्त ये क्या आया , माँ बाप बिकाऊ है
लानत ऐसे रिश्तों पे , जो रिश्ते बिकाऊ है
आज कल इस दुनिया में ..........
आज कल भगवन कहाँ और किस तरह बिकाऊ है ये निम्न लिखित पक्तियों में व्यक्त है
मेले ठेले फुटपाथ पे , हर दाम में बिकाऊ है
छोटी बड़ी दूकान और,हर मॉल में बिकाऊ है
कोई धर्म हो या त्यौहार ,सब में बिकाऊ है
देशी विदेशी हर ब्रांड में , भगवन बिकाऊ है
आज कल इस दुनिया में ..........
मिटटी पानी पत्थर , लकड़ी बिकाऊ है
पैकिंग के दम पे तो , कूड़ा भी बिकाऊ है
मंदिर में चढ़े फल फूल , कपडे बिकाऊ है
शमशान और कब्रिस्तान में ,लाशे भी बिकाऊ है
आज कल इस दुनिया में ..........
चैनो अमन ईमान,आबो हवा बिकाऊ है
जल्वा ज़ालिम इंसा, झूठ फरेब, बिकाऊ है
शासन सत्ता ,फ़ाका ,फतवा बिकाऊ है , (फ़ाका -गरीबी , फतवा -आदेश )
बेसुध बैठा है बान , भरोसा बिकाऊ है , बान - रक्षक
आज कल इस दुनिया में ..........
कोई धर्म हो या त्यौहार ,सब में बिकाऊ है
देशी विदेशी हर ब्रांड में , भगवन बिकाऊ है
आज कल इस दुनिया में ..........
मिटटी पानी पत्थर , लकड़ी बिकाऊ है
पैकिंग के दम पे तो , कूड़ा भी बिकाऊ है
मंदिर में चढ़े फल फूल , कपडे बिकाऊ है
शमशान और कब्रिस्तान में ,लाशे भी बिकाऊ है
आज कल इस दुनिया में ..........
चैनो अमन ईमान,आबो हवा बिकाऊ है
जल्वा ज़ालिम इंसा, झूठ फरेब, बिकाऊ है
शासन सत्ता ,फ़ाका ,फतवा बिकाऊ है , (फ़ाका -गरीबी , फतवा -आदेश )
बेसुध बैठा है बान , भरोसा बिकाऊ है , बान - रक्षक
आज कल इस दुनिया में ..........
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