पंछियों की तरह झूठ बोले बिना ,
एक दिन तो रहे आओ कोशिश करें ,
नदियों की तरह पानी खुद ना पिए ,
नीर प्यासों को दे ,आओ कोशिश करें ,
पत्थरों की तरह हर मज़हब में रहे,
सब को सज़दा करें ,आओ कोशिश करें ,
धूप में खुद दरख़्त ,सब को छाया दिए ,
सब की छाया बने ,आओ कोशिश करें
याद ईसा को कर ,माफ़ सब को करें ,
माफ़ कर ,माफ़ी मांगे ,आओ कोशिश करें
घास के जैसे मिट्टी से जुड़ कर रहें ,
पावँ ज़मी पर रहें ,आओ कोशिश करें ,
१८/०६/२०१६ - १२ बजे रात
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