Tuesday 20 September 2016

Poem on bhrstachar , corruption , PATI DANA KI by sunil agrahari- hindi poem on bad policies problems , ODISA HOSPITAL DEATH CASE SUFFERER DANA .-पाती दाना की

  

****पाती दाना की *****(१५ /०९/२०१६ )





poem on social issues 




ऐ मेरे ज़िन्दगी के माझी दाना ,
उदास मत होना , न रोना ,
मुझे हर जनम में तुझको ही पाना 
जिन पढ़े लिखे सभ्य कहे जाने वाले दौलतमन्द 
लोगों से तू लगा रहा था गुहार ,
वो आज सब गए तुमसे हार ,
अनपढ़ है तू ,लेकिन इल्म है तुझे इंसानियत का ,
जो शायद उनके पास नहीं ,
ग़रीब है तू ,लेकिन प्यार की  दौलत बेशुमार है तेरे पास ,
जो शायद उनके पास नहीं ,
वो दौलत के पुजारी , मुहब्बत करते है जिस्मानी ,
इन सब से जुदा तूने तो प्यार किया रूहानी ,
क्यों की 
मीलों चले पैदल ,कन्धों पे मुझे रख कर ,
मैं तो जी गई तेरे काँधो पे चल कर 
हिचके ज़रा  भी नहीं , थके ज़रा भी नहीं 
हौसला ना तेरा टूटा , जब धरा पर धरा ,
मुझे  ढोते ढोते  तू हो रहा था अधमरा ,
हर कदम आत्मविश्वास से पूरा था भरा ,
लोगो  की आँखों बातों से तू ना डरा ,
तेरी मुहब्बत के सामने ताजमहल ,
बौना लग रहा है , 
जो है इश्क की निशानी,
खामोश इंसानियत, कब्रिस्तान लग है ,
जो है ज़िन्दादिली की निशानी , 
तरसते है महलों वाले तेरे जैसे प्यार को ,
उनकी  ज़िन्दगी बीत जाती है , यार के दीदार को,
ऐ मेरे ज़िन्दगी के मांझी , तेरी कश्ती डूबी ,
पर कश्ती को मझधार में न छोड़ा ,
पतवार तू चलाता रहा ,रिश्ता ना तोड़ा ,
मुझे अब बड़ा सुकून है  ,
हमारी बेटी एक जिम्मेदार पिता की छाया 
में महफूज़ है ,
उसे मेरी कमी कभी भी महसूस न होगी ,
अगर हम गरीबी के जंगल में रहने वाले 
असभ्य जानवर जैसे प्राणी  है , 
तो कोई ग़म नहीं ,
लेकिन इंसानियत रुपी प्यार तो है ,
जो इन सभ्य शहरियों के पास नहीं,
धिक्कार है धिक्कार है धिक्कार है,
ज्यादा कुछ नहीं कहना , 
मेरे मांझी उदास मत होना ,
हर जनम में मुझे बस तेरा ही होना ..... 




6 comments:

  1. तेरी मुहब्बत के सामने ताजमहल ,
    बौना लग रहा है
    The entire humanity is ashamed of this one incident and all the BEING HUMAN army has no face to face this man.The most soul churning poem which shakes you to the core. If poets could change society and ruffle their conscience , you are one of them

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  2. सुनील सर, बहुत सुंदर लिखा है आपने, आज भी ऐसे लोग हैं इस धरती पर जो लालच से परे है और दूसरों के लिए मिसाल बन जाते हैं आने वाली पीढ़ी को संदेश दे जाते हैं कि इंसान हो इंसानियत मत भूलो.....

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  3. Hi Sir, main to hamesha se hi apke is kadar likhne ki shakti se prabahvit thi. Is baar to aapne bahot hi sundar prastuti ki h sacchai ki!!

    Great work!!

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    1. bahot bahot dhnywad kavita ko mahsoos karne aur mmera hausala badhane ke liye.

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