Thursday 28 December 2017

SEVA BHAV -POEM FOR HELPERS OF THE SOCIETY - BY SUNIL AGRAHARI - सेवा भाव

      


SDG SONG 17: PARTNERSHIPS FOR THE GOALS

Revitalize the global partnership for sustainable development      

POEM  FOR HELPERS OF THE SOCIETY 

          सेवा भाव            28/12/2017 

स्कूल एक मंदिर ,बच्चे देवी देवा ,
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा  



बस में बन के ड्राइवर  , घर से सब को लाते

सिक्योरिटी गार्ड बन कर ,गेट पर तुम रहते
ट्रांसपोर्ट मैनेज करे के  ,करते सब की सेवा
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा



सब से पहले आते ,बाद सब के जाते ,

कोई भी हो फंक्शन ,सब से आगे रहते ,
काम चुटकियों में कर के ,करते सब की सेवा
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा



लाइट साउंड आरओ के, अंकल तुम्ही हो ,

कंप्यूटर और इंटरनेट के फ्रैंड भी तुम्ही हो,
फोन और ऐ सी की भी ,तुम करते सेवा
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा



स्कूल के चमन में, फूल तुम खिलाते ,

कारपेंटर का काम ,भलीभांति करते
पेड़ पौधों गमलों की ,तुम करते सेवा
बिन तेरे होए न इनकी पूरी सेवा



स्कूल में सब की, है भगीदारी

काम की ही इज़्ज़त ,होती है हमारी
दिल से करो काम ,खाओ प्यार मेवा 
बिन तेरे होए ना ,इनकी पूरी सेवा











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