Published in Mauritius Magazine - AkroshApril-18
****मदरसा ज़िन्दगी का****
ज़िंदगी के मदरसे में जाना ज़रूर ,
ज़िंदगी सिखाती है सब कुछ हुज़ूर ,
बिना कागज़ ,कलम ,कम्प्यूटर के बदस्तूर ,
हर शै के साथ जीने का सलीका ,
अंदाज़ है इसका नायाब तरीका ,
अंदाज़ है इसका नायाब तरीका ,
टूटे हुए दिल को कैसे जोड़ना है ,
रिश्तों की गर्माइश कैसे कायम रखना है ,
ज़िन्दगी में रिश्तो को कैसे संजोना है ,
रिश्तों में ताल मेल कैसे बिठाना है ,
किसको रंगना है किसमें रंग जाना है ,
वख़्त की नज़ाकत तलफ़्फ़ुज़ औजार है ,
रिश्तों की तसल्ली बख्श ,महफूज़ हथियार है ,
तज़ुर्बों के बिना ये आते भी नहीं ,
इनके बिना ये जिए जाते भी नहीं ,
इज़ाद किये इन्सा ने ग्लू सल्यूशन और गम,
असल ज़िन्दगी में है ये बेदम ,
क्यों की सुनील
टूटे हुए रिश्ते इनसे जुड़ते नहीं ,
प्यार की तरफ रास्ते मुड़ते नहीं ,
मरने के बाद जिसे हम यहीं छोड़े जाते है ,
असल ज़िन्दगी में ये उसे ही जोड़े जाते है ,
रिश्तों की गर्माइश कैसे कायम रखना है ,
ज़िन्दगी में रिश्तो को कैसे संजोना है ,
रिश्तों में ताल मेल कैसे बिठाना है ,
किसको रंगना है किसमें रंग जाना है ,
वख़्त की नज़ाकत तलफ़्फ़ुज़ औजार है ,
रिश्तों की तसल्ली बख्श ,महफूज़ हथियार है ,
तज़ुर्बों के बिना ये आते भी नहीं ,
इनके बिना ये जिए जाते भी नहीं ,
इज़ाद किये इन्सा ने ग्लू सल्यूशन और गम,
असल ज़िन्दगी में है ये बेदम ,
क्यों की सुनील
टूटे हुए रिश्ते इनसे जुड़ते नहीं ,
प्यार की तरफ रास्ते मुड़ते नहीं ,
मरने के बाद जिसे हम यहीं छोड़े जाते है ,
असल ज़िन्दगी में ये उसे ही जोड़े जाते है ,
रिश्ते तो जुड़ते है केवल त्याग और मुहब्बत से ,
रिश्तो की मियाद बढ़ती है प्यार के मरम्मत से,
मिटाती है तंग दिल में छुपा ग़ुरूर ,
रिश्तो की मियाद बढ़ती है प्यार के मरम्मत से,
मिटाती है तंग दिल में छुपा ग़ुरूर ,
ज़िंदगी के मदरसे में जाना ज़रूर ,
ज़िंदगी सिखाती है सब कुछ हुज़ूर ...... .....
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POEM ON RELATIONSHIP
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