Monday 26 March 2018

Hindi kavita LIFE'S jiwan par MADARSA ZINDGI KA -BY SUNIL AGRAHARI -मदरसा ज़िंदगी का

Published in  Mauritius 
Magazine - Akrosh
April-18

****मदरसा ज़िन्दगी का****


ज़िंदगी के मदरसे  में जाना ज़रूर ,
ज़िंदगी सिखाती है सब कुछ हुज़ूर ,
बिना कागज़ ,कलम ,कम्प्यूटर के बदस्तूर ,
हर शै के साथ जीने का सलीका ,
अंदाज़ है इसका नायाब तरीका , 
टूटे हुए दिल को कैसे जोड़ना है ,
रिश्तों की गर्माइश कैसे कायम रखना है ,
ज़िन्दगी में रिश्तो को कैसे संजोना है ,
रिश्तों में ताल मेल कैसे बिठाना है ,
किसको रंगना है किसमें रंग जाना है ,
वख़्त की नज़ाकत तलफ़्फ़ुज़ औजार है ,
रिश्तों की तसल्ली बख्श ,महफूज़ हथियार है ,
तज़ुर्बों के बिना ये आते भी नहीं 
इनके बिना ये जिए जाते भी नहीं ,
इज़ाद किये इन्सा ने ग्लू सल्यूशन और गम,
असल ज़िन्दगी में है ये बेदम , 
क्यों की सुनील 
टूटे हुए रिश्ते इनसे जुड़ते नहीं ,
प्यार की तरफ रास्ते मुड़ते नहीं ,
मरने के बाद जिसे हम यहीं छोड़े जाते है ,
असल ज़िन्दगी में ये उसे ही जोड़े जाते है ,
रिश्ते तो जुड़ते है केवल त्याग और मुहब्बत से ,
रिश्तो की मियाद बढ़ती है प्यार के मरम्मत से, 
मिटाती है तंग दिल में छुपा ग़ुरूर ,
ज़िंदगी के मदरसे  में जाना ज़रूर ,
ज़िंदगी सिखाती है सब कुछ हुज़ूर ......    .....  
                                                  
POEM ON LIFE'S  
POEM ON LIFE EXPERIENCE 
POEM ON RELATIONSHIP 
  

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