Sunday 21 October 2018

HINDI KAVITA ON PUNJAB DASHAHARA -पंजाब का रावण


अमृतसर दशहरा के रावण दहन रेल हादसा में मारे गए लोगों को मेरी श्रधांजलि कविता । 

HINDI KAVITA ON PUNJAB DASHAHARA 

*****पंजाब का रावण *****  १९ /१०/२०१८  night 11pm

रावण की मौत का जश्न मानाने 
लोग घर से साबुत आये थे ,
रावण जल कर ख़ाक हुआ
अब वो टुकड़ो में वापस जाएंगे 
वो नेता फिर बच जायेंगे 
फिर मुआवज़ा बट जायेगा 
ज़ख्मों पर मरहम लग जायेगा 
सियासत गरम हो जाएगी 
थोड़ी राजनीत हो जाएगी 
इल्जामों की बारिश आ जाएगी 
जाँच बिठा दी जाएगी 
जश्न मानाने आये थे 
मौत खरीद ले जायेंगे 
लेकिन वो शिकार हादसों का वोटर
 फिर वापस कभी ना आएगा 
ऐ सुनील 
फिर से दशहरा आएगा 
रावण  फिर जल जायेगा 
ऐसे हादसों का रावण 
फिर ज़िंदा बच जायेगा 
कोई अनाथ हो जायेगा
कहीं राशन रुक जायेगा 
कोई स्कूल फ़ीस रह जाएगी 
कहीं इंतज़ार रह जायेगा 
कितने किस्से हुए दफ़न 
ये भी दफ़न हो जायेगा 
लेकिन वो शिकार हादसों का वोटर
फिर वापस कभी ना आएगा 

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