Friday 5 October 2018

HINDI POEM ON life's jiwan, zindagi , KHILONE KI DUKAN - HINDI POEM ON GOD'S CREATION-BY SUNIL AGRAHARI खिलौने की दुकान






****खिलौने की दुकान****

सब से ऊंचा पहाड़ देखा 
सब से लम्बी नदी को देखा 
सागर विशाल फैला देखा 
लम्बी ऊंची ईमारत देखा 
तैरता बड़ा जहाज़ देखा 
ऊंचे कद के जानवर देखा 
लम्बे चौड़े रोड को देखा 
बस ट्रक कार को भागते देखा 
ऊंचे पेड़ के जंगल  देखा 
पहाड़ बर्फ के समुन्दर देखा 
ये सब मैंने कोरी आँख से 
ज़मी पे रहते रहते देखा 
जहाज से उड़ कर आसमान से 
सारी धरती फिर से देखा 
कहे सुनील बड़े अचरज से 
करामात ऊपर वाले की 
सब कुछ अदना बौना देखा ,
बड़ा नहीं कोई ख़ुदा से बढ़ कर 
ग़ुरूर को गर्त में जाते देखा ,
चकाचौंध दुनियाँ को महज़ 
खिलौने की दुकान सी देखा।    १४/०९/२०१८ 








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