Monday 29 October 2018

Poem on life's jiwan sacchai , SACH JHOOTH HINDI POEM ON TRUE AND FALSE- BY SUNIL AGRAHARI-सच झूठ






*****सच झूठ *****

काले को काला मत कहना ,
लोगो को बुरा लग जायेगा ,
गलती से सच को मत बोलो, 
तेरा वक़्त बुरा आ जायेगा ,
आईने में देख आँखों को  
कुछ पल को मै वही ठहर गया 
खुदा ने सब की आँखों में 
सच झूठ का रंग भर दिया

झूठ की तस्दीक़ के लिए 
पुतली काली कर दिया 
फिर सच का रंग सफ़ेद 
चारो तरफ फैला दिया 
सोचने समझने का जिम्मा 
हम इंसानो को ही दे  दिया 
की 
देखे हम काला, या देखे सफ़ेद 
देखे हम सच , या देखें फरेब 
फिर 
वकील साहब की ड्रेस पर  
ध्यान मेरा गया ,
काले सफ़ेद का भेद  मुझे 
समझ आ गया ,
वकील साहब ने सफ़ेद शर्ट के ऊपर 
काला कोट पहन रक्खा है ,
जैसे सच को झूठ ने ज़ोरों से जकड रक्खा है , 
भला हो उस छोटी सी कण्ठ लगोंट (टाई ) का 
जिसने सच्चाई की आवाज़ का परचम 
गले से पकड़ रक्खा है ,
क्यों की एक दिन 
जीत सच्चाई की ही होती है 
ये हम सब को  बता रक्खा है।            16 /09 /2018 









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