*****हिन्दी भाषा*****
सब भाषाएँ माता है
हिंदी उन सब की नानी है,
भाषाओं को सिंचित करती
गंगा अमृत पानी है,
जनमानस से जुड़ी हुई
प्यारी सी एक कहानी है
दुनियाँ की भाषाओं में
हिंदी की छवि सुहानी है
हिंदी की छवि सुहानी है
जो लिखते वही पढ़ते हैं
क्या अद्भुत ज़ुबानी है
गर्मी में शीतलता देती
प्राण दायनी बानी है
संस्कारों से सराबोर ये
सारी दुनियां ने मानी है
भारत देश की भाषा हिन्दी
मातृभूमि की निशानी है ।
Very good poem sir 👍😊😊😊👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteSir very good poem vey relaxed and proud to listen your poem sir . Awesome �� poem sir . Thank you so much for sharing tis poem .
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता👌👌
ReplyDeleteWow 👏 what a wonderful poem wrote 👏
ReplyDeleteAmajing poem sir
ReplyDeleteAmazing poem sir
ReplyDeleteAmazing
ReplyDeleteHappy Hindi Diwas
Sir it is a very good poem. :)
ReplyDeleteSir the best poem I heard
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