Thursday 19 September 2024

Social media impact hindi poem - log hindi kavita @sunilagrahari












*लोग*
अपनी शकल से प्यार
करने लगे लोग।
अपनी ही फोटो
बनाने लगे लोग।
फोटो में झुर्रियां
मिटाने लगे लोग।
अपने को धोखा 
देने लगे है लोग।
ढलती उम्र सब से
छुपाने लगे लोग।
बुढ़ापे को जवान
दिखाने लगे लोग।
हकीकत में खुद से 
दूर होने लगे लोग।
सोशल मीडिया पर
झूठ बोलने लगे लोग।

मां बाप की फोटो
हटाने लगे लोग 
अपनी शक्ल की पोस्ट पर
एक लाइक को तरसने 
लगे है लोग 
सोशल मीडिया में मशहूर 
होने लगे लोग
अपने ही घर परिवार में 
दूर होने लगे लोग
हकीकत में अनसोशल 
होने लगें लोग 
ढका था जो तन अब तक 
वो दिखाने लगे लोग
नग्नता ही सुंदरता 
बताने लगे लोग 
क्या खाया कब खाया
दिखाने लगे लोग
बरसों पुरानी बात भी 
बताने लगे लोग 
अंदर की बात भी 
अब बताने लगे लोग 
नफरतों का प्यार
फैलाने लगे लोग
संबंधों का दायरा 
बढ़ाने लगे लोग 
नकली सा प्यार
जताने लगे लोग 

ये सब करते कराते 
डिप्रेशन में जाने लगे लोग
उजाले के भ्रम में 
अंधेरे में जाने लगे लोग 
जब हुए वो अकेले 
तो आए नही वो लोग 
अंत में सोशल मीडिया के
जाल में गुम हो गए वो लोग ।।


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