चुनावी मौसम
कोई नेता नहीं घर था आता
अब बेवक्त घन्टी बजने लगी है ,
वादे पिछले हुवे ना थे पूरे
फिर भी बेशर्मी से मुस्कुराते
सड़ रहे उनके वादे पुराने
बदबू उनमे से आने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ……………
दांत और बाल नेता जी के नकली
लगते थे पोस्टरों में वो असली
झूठ दुनियाँ से कब तक छुपाना
जनता सब कुछ समझने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ...................
मरती है टैक्स भर भर के जनता
बदले में उनको ठेंगा है मिलता
(अब नेता जी का टिकट है कटने वाला )-
जनता सोते से जगने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम …………
नेक तेरे नहीं है इरादे
वादे कर के मुकरते फिरते भागे
पाप कर्म की हो तुम तो नुमाइश
बात अब ऐसी होने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ………….......
फण्ड जनता का तुमने डकारा
शब्द बेईमान भी तुमसे हारा ,
वक्त तेरा बुरा है आने वाला
जनता दिन तेरे गिनने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ………………
आ गया है चुनाव का मौसम ……………
दांत और बाल नेता जी के नकली
लगते थे पोस्टरों में वो असली
झूठ दुनियाँ से कब तक छुपाना
जनता सब कुछ समझने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ...................
मरती है टैक्स भर भर के जनता
बदले में उनको ठेंगा है मिलता
(अब नेता जी का टिकट है कटने वाला )-
जनता सोते से जगने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम …………
नेक तेरे नहीं है इरादे
वादे कर के मुकरते फिरते भागे
पाप कर्म की हो तुम तो नुमाइश
बात अब ऐसी होने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ………….......
फण्ड जनता का तुमने डकारा
शब्द बेईमान भी तुमसे हारा ,
वक्त तेरा बुरा है आने वाला
जनता दिन तेरे गिनने लगी है
आ गया है चुनाव का मौसम ………………
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