Sunday 17 May 2015

Vyngya kavita , Batton HINDI POEM ON BUTTON BY SUNIL AGRAHARI

    

            



...बटन ...१६/०५/२०१५  

बटन भी क्या  चीज़ है 
लगे कपड़े में तो तन ढकता  है,
टूट जाये जगह से तो इज़्ज़त पे आ बनता है ,
आज कल तो बटन का चलन कुछ ज्यादा है ,
सारी दुनियाँ बटन से चलने पर आमादा  है ,

गलत बटन दबाते ही मुसीबत खड़ी  होती है ,
बटनों की भी अपनी समस्या बड़ी होती है ,
बटन मरते दम  तक अपना काम करता है ,
अटके एक धागे से भी बटन इज़्ज़त बचाता  है ,

रिमोट का बटन तो घायल हो कर भी चलता है ,
कमजोर बैटरी अपनी सजा , बटन पे मढ़ता है ,
कम्प्यूटर कीबोर्ड खुलते ही पटापट पिटता है ,
बटन टूट जाये तो ऑपरेटर और भी पीटता है ,

लिफ्ट में तो उंगली बटन के मुँह में घुस जाती है ,
मिक्सी को थोड़ा राहत है रह रह के दबाई जाती है ,
ठाठ बाठ एटीएम बटन के ए. सी रूम में रहता है ,
पैसों के संग रहता है पर २४ घंटे  दबता है ,

जब आया मोबाइल तो बटनों पे आफत आई ,
सच्ची हो या झूठी पर दब के सब से बात कराई ,
एंड्रॉएड टच स्क्रीन शुभ दिन राहत ले कर आया ,
दबना दबाना दूर हुवा , छू कर ही काम चलाया ,

कीमत तो बटन की कपड़ो में ही होती है ,
क्यों की बटन की डोर इज़्ज़त से जुड़ी  होती है ,
वरना बटन हो ख़राब तो गाली है मिलती ,
ठीक हो बटन तो फुर्सत काम से नहीं मिलती ,
आने वाला वक़्त है बटन के लिए भारी ,
बटनों पे आ रही  है बड़ी ज़िम्मेदारी ,
छूने से काम होगा , चलेगी दुनियाँ सारी ,
क्यों की  ....  
इंसानो से जुड़ गई है अब किस्मत हमारी …।  
इंसानो से जुड़ गई है अब किस्मत हमारी …।  





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