Friday 26 June 2015

Motivational poem ,PRAYAAS HINDI POEM प्रयास- HINDI POEM ON HEARD WORK AND GOOD TRY

             ……… प्रयास …… (१५/०६/२०१५)  
SUNIL AGRAHAR 

मॉरीशस -प्रकाशित 
पत्रिका-आक्रोश 
जुलाई -2016 

बदकिस्मती से पंछी की चोंच से 
गिरा उन पत्थरों  के बीच ,
जहाँ पानी अब तक न पाया था 
किसी को सींच ,
मुझको अपना भविष्य 
दिख रहा था खतरे में ,
क्यों की मेरा वज़ूद जुड़ा था 
पानी के एक एक कतरे में ,
बादल बरसे बार बार  
और मैं हरपल करता इंतज़ार ,
एक बूँद कभी पानी की 
मुझे ले अपने आगोश में ,
मुझे इतिहास बनने से रोक ले 
मेरा वज़ूद रहे कायनात में ,
चलती है जब हवा बयार 
हिलता रहता हूँ बार बार ,
कि निकल पाऊँ इस अँधेरे कोने से ,
मैं भी जुड़ पाऊँ नीले आसमाँन से ,
इन्तज़ार और मेहनत रंग लाई ,
मुकद्दर से कुछ बूँद मुझ तक पहुँच पाई,
मैं तैयार हूँ आज अंकुरित होने को,
पत्थरों की ओट से सूरज की रोशनी पाने को ,
अब मैं अपने होने का एहसास कर सकता हूँ ,
बन के दरख़्त काम किसी के आ सकता हूँ ,
शायद ज़िन्दगी ऐसी ही है,
जिसको अपने हुनर और मुकद्दर से
जीती जा सकती है,
वर्ना ज़िन्दगी खो जाती है  
गुमनामी के अँधेरे में। 
   











Motivational poem ,KARMA HINDI POEM ON AIM , GOOD AND HEARD WORK , कर्म BY SUNIL AGRAHARI






..........  कर्म ..............(०९/०६/२०१५) 

मनुष्य हो कर्म पे, विश्वास तुम करो ,
मनुष्यता के धर्म को, ध्यान में धरो 
लक्ष्य के डगर पे ,अडिग बने चलो 
सत्य की जुबां बनो ,इससे न टलो 
लक्ष्य है पुकारता ,ध्वनि को तुम सुनो 
परस्थिति विसम मगर ,इमांन को चुनो
धूप छाँव रात दिन का ,फर्क न पड़े 
मुस्कराहट कम ना हो ,आपदा पड़े 
आंधी पानी कुछ भी हो, रहो निडर खड़े
कदम ताल ना डिगे, सुरताल में बढ़े 
कमर कसो जीत का ,ताना बाना तुम बुनो 
गीत नया गुनगुनाओ, विजय धुन धुनों
लक्ष्य के बुर्ज़ पे चढ़, आराम तुम करो 
प्यार करो सब से, नफ़रत दफ़न करो 
लक्ष्य जीत कर तुम ,गुरुर न करो 
शपथ ले दृढ संकल्प, कर्म तुम करो। ............. x 3   

 सुनील अग्रहरि

Motivational poem ,HAUSALA HINDI POEM हौसला BY SUNIL AGRAHARI

 


 




... हौसला  …१६ /०५/२०१५ 

हिम्मत की हथौड़ी  हाथ में लो ,
अनवरत कार्य पे प्रहार करो ,
हौसला बन  ईट दर ईट 
इमारत में जुड़ जाने दो ,
मलाल न दिल में रहे कोई
शिकायत न अपने आप से हो ,
ऐसे करता वैसे करता 
न बाद में कुछ कहने को हो ,
काम नहीं आसान कोई 
दामन में कांटे उलझेंगे ,
परवाह नहीं करना इनकी 
ये तो भटकाने आयेंगे ,
मुकाम तुम्हे हासिल जब हो 
शुकराना सब का अदा करना ,
हर शख्स मील का पत्थर है 
 न कोई किसी से गिला रखना , 
बस मन में कर के दृढ़ विश्वास ,
आगाज़ करो आगाज़ करो ,
तुम रुको न लक्ष्य पाने तक ,
आलस का संघार करो ,
कोई साथ चले न चले तेरे 
अपने रहबर खुद बन जाओ ,
मंज़िल एक दिन खुद बोलेगी 
खुली है बाहें आ जाओ ,
हिम्मत की हथोड़ी हाथ में ले 
प्रहार करो बस प्रहार  करो  .......