Tuesday 21 March 2017

Poem on life's , zindagi , NAGINE - BY SUNIL AGRAHARI - poem on relationship नागिनें




रूहानी रिश्ते 

*****नागिनें ***** 

ताउम्र इश्क करता रहा ,
उंगलियो पे सजे नागिनों से ,

ना समझा रूहानी रिश्तों को ,
जो बेशकीमती थे क़रीने से ,

रुखसत हुआ जहाँ से ,
असल नगीने 
सफ़ेद चोले  में जनाज़े से ,

आया चल कर उनके कन्धों पर ,
जिनको लगाया ना था कभी गले से ,

वो नागिनें पड़े थे मुझसे दूर ,
जो मेरे जिस्म के थे अजीज़ से ,

रिश्ते असल नगीने है,
समझा मैं बड़ी देर से ,

रिश्ते ही ज़िन्दा रहते है ,
सफ़ेद चोले में जनाजे से 
बाक़ी हैं ख़ाक से ,

सुना है मेरे कारवाँ में ,
ग़ैर थे बहोत करीब से ........

२१/०३/२०१७






रिश्ते करीब के 







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