रूहानी रिश्ते |
*****नागिनें *****
ताउम्र इश्क करता रहा ,उंगलियो पे सजे नागिनों से ,
ना समझा रूहानी रिश्तों को ,
जो बेशकीमती थे क़रीने से ,
रुखसत हुआ जहाँ से ,
असल नगीने |
आया चल कर उनके कन्धों पर ,
जिनको लगाया ना था कभी गले से ,
वो नागिनें पड़े थे मुझसे दूर ,
जो मेरे जिस्म के थे अजीज़ से ,
रिश्ते असल नगीने है,
समझा मैं बड़ी देर से ,
रिश्ते ही ज़िन्दा रहते है ,
सफ़ेद चोले में जनाजे से |
सुना है मेरे कारवाँ में ,
ग़ैर थे बहोत करीब से ........
२१/०३/२०१७
रिश्ते करीब के |
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