पञ्च तत्व प्रभु राम
राम चरित्र रामायण की विश्व में गरिमा बढ़ाया है
सतयुग द्वापर त्रेता कलयुग राम नाम में समाया है
देर है अंधेर नहीं और त्याग का पाठ पढ़ाया है
गृह प्रवेश हो पुनः प्रभु का भूमि पूजन करवाया है
भक्तो की भक्ति भाव ने भव्य भवन बनवाया है
पूर्ण हुआ वनवास काल शुभ मंगल समय ये आया है
ऐसे पल को लाने में कितनो ने प्राण गँवाया है
सत्य है राम , धर्म है राम , अवध ने ये बतलाया है
बाबर रावण कैकेई को सत्य की जीत बताया है
एक राम नाम ही अपना है , और बाकी सब पराया है
प्रभु को बेघर करने वालों को ये अहसास कराया है
राम नाम की महिमा जिसने जीवन में अपनाया है
मर्यादा पुरषोतम को ह्रदय में अपने पाया है
ऐसे गौरवशाली पल का साक्षी हमें बनाया है
पांच वर्ष सौ यज्ञ के फल का भागिदार बनाया है
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