मै चला ............................x 4
मै चला था अकेला सफ़र में कभी
लोग मिलते गए ( कारवां बन गया )..........x 2
हंस के गैरों से भी हम तो मिलते गए
कैसे है नासमझ , (कुछ का दिल जल गया ).....x 2
मै चला ............................x 4
दुश्मनी हमको तो करी आती नहीं
प्यार से सब का दिल जीत लेते है हम ..........2
( मुस्कुरा के कभी ,हमसे जो भी गया
हम गले मिलने से (चूकते भी नहीं ),....2 ).......2
मै चला ............................x 4
धोखा देना कभी हमने सीखा नहीं ,............2
वादा जो भी किया ,उसपे मर मिट गए ..........2
कर खुदा का भरोसा, हम बढते गए
खेल जीत हार से (हम तो डरते नहीं )........2
मै चला ............................x 4
लेकर आये थे क्या ,ले कर जायेंगे क्या
अपने जीने का अंदाज़ ही रह जायेगा ............2
( इसलिए कहता हूँ ऐ मेरे दोस्तों
ये मुकद्दर का सिकंदर ( कहलायेगा ) ,....2 )....2
मै चला ............................x 4
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