Tuesday 29 January 2013

motivational hindi poem badi soch dream big poem ,बड़ी सोच- कविता @sunilagrahari

   





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सोचना जब भी तुम ,कुछ बड़ा सोचना , ......2 
खाली यूँ बैठने से कुछ होता  नहीं ,................2 
सपने जब देखना कुछ बड़ा देखना ,
छोटे सपनो से इन्सा बड़ा बनता  नहीं ,..........2 


गिरने के डर से तुम कभी उठते नहीं ,.............2 
इस तरह के ख्याल मन में( लाना नहीं ).........x 3 
गिरते  ही है सर सवार मैदान में ..................2 
मुर्दा दिल ख़ाक जीवन में जीते नहीं ,...........2 


( अपनी  हिम्मत से सांसों से लड़ते रहो 
एक  दिन अपनी मंजिल पे आ जाओगे )......2 
( हारना जीतना छोड़ कर तुम जियो 
जूनून दिल में न हो फतह मिलती नहीं ) .................२


 भीड़ में खुद को  ना तुम खो जाने दो ..............2

भीड़ में कोई आम ख़ास  ( होता नहीं .)..............x 3   ,
सोच कर कुछ नया कर चलो तुम बड़ा ,......2
मत जियो ऐसे जैसे कोई मकसद नहीं ,.........

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