Thursday 3 October 2013

Upaay hona chahiye hindi poem ,kisano ke liye hindi kavita उपाए होना चाहिए- hindi poem for farmers ( kisan ) problems by sunil agrahari , kisano ki samasya par hindi kavita

   

 

Published in  Mauritius 

Magazine - Akrosh

November 17         


रक्षक ही भक्षक आज बन गया देश का ,
देश को बचाने वाला अक्षत एक चाहिए ,
सालों साल देश को आज़ाद हुए हो गए ,
ग़रीबों और किसानों को भी हक़ मिलना चाहिए। 

भूखों और गरीबों पे तो बातें  बहोत हो गई ,
भिखारी और लाचारी पे किताबें बहोत हो गई 
फिल्में बना के इनपे कितने अमीर हुए ,
अब इनकी भी अमीरी का उपाय होना चाहिए 

भूख की तड़प से भूखा पेट मर रहा ,
उनका अनाज भीगे रखे सड़ जाता है ,
अन्नदाता भूखों का खुद महलों में रहे क्यूँ ,
अब भूखों और अनाज को भी  छत एक चाहिए ,

जिन्हें हाथ जोड़ तुम संसद गए नेता जी ,
भूले तुम क्यों उस भोली जनाधार को ,
पहले टहलते थे खुलेआम सड़को पे ,
अब उनके बीच तुम्हें गार्ड एक चाहिए ,

अन्न का दाना आज रो कर कह रहा ,
मुझको  उगाने वाला भूखों पेट पर रहा ,
किसान ना रहा तो दुनियाँ ना बच पाएगी ,
किसानों को बचाने का उपाय होना चाहिए ,
सुनील अग्रहरि 

1 comment:

  1. उपाय कौन कर सके , प्रवाह कैसे थम सके
    अंतरात्मा कि सोयी नींद से जो जग सके
    ऐसा एक स्तम्भ जो संभाल ले बवाल को
    बेह गया जो बाढ़ में लौटा ले उस उबाल को

    एक विवेकानंद भी जो मिल सके भारत को तो
    ऐसे युग पुरुष का अवतार होना चाहिए
    टूटी है कश्ती तो क्या, पतवार होना चाहिए
    मुश्किलें बढ़ीं तो क्या उपाए होना चाहिए

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