Tuesday 21 April 2015

poem on women's day , Chitthi kanya bhroon ki hindi kavita , पाती कन्या भ्रूण की- SOCIAL PROBLEMS OF GIRL CHILD, day BY SUNIL AGRAHARI

   

  

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....पाती कन्या भ्रूण की ..... (२२/०४/२०१५ )


         कन्या भ्रूण  की चिट्ठी है , कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ , कहती है 



मारते हो तुम क्यों मुझको ,
मैंने न बिगाड़ा कुछ तेरा ,
हम से तुम और  तुम से हम , 
कुछ भी  नहीं तेरा मेरा ,

अभी तो हमने की  तैयारी ,
 इस धरती पर आने को ,
आने से पहले ही तुमने  ,
दुश्मन किया  ज़माने को ,

छोटी बड़ी हर गलती  तेरी  , 
अपने आँचल से ढँकती  हूँ ,
धड़कन तेरी चलती रहे  , 
खून बन रगों मेंकर दौड़ती हूँ ,

न हूँगी मैं इस दुनियां में  ,
रिश्ता तुम किस्से निभाओगे ?
फसल लड़को की उगने को ,
वो ज़मीं कहाँ से लाओगे ?

मार के कन्या भ्रूण को ,
तुम भी ना  बच पाओगे ,
हम तो कहानी बन जाएंगे , 
तुम  भी इतिहास बन जाओगे ,











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