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....पाती कन्या भ्रूण की ..... (२२/०४/२०१५ )
कन्या भ्रूण की चिट्ठी है , कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ , कहती है
मारते हो तुम क्यों मुझको ,
मैंने न बिगाड़ा कुछ तेरा ,
हम से तुम और तुम से हम ,
कुछ भी नहीं तेरा मेरा ,
कुछ भी नहीं तेरा मेरा ,
अभी तो हमने की तैयारी ,
इस धरती पर आने को ,
इस धरती पर आने को ,
छोटी बड़ी हर गलती तेरी ,
अपने आँचल से ढँकती हूँ ,
धड़कन तेरी चलती रहे ,
खून बन रगों मेंकर दौड़ती हूँ ,
खून बन रगों मेंकर दौड़ती हूँ ,
फसल लड़को की उगने को ,
वो ज़मीं कहाँ से लाओगे ?
वो ज़मीं कहाँ से लाओगे ?
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