Friday 18 September 2015

HINDI POEM UMMID PAR -उम्मीद - hindi poem on hope , HINDI POEM ON EXPECTATIONS by sunil agrahari





 …उम्मीद  … १९ /०९/२०१५  

मुझे उनसे कितनी उम्मीद थी 
उन्हें मुझसे कितनी शिकायतें ,

दिलों दिल में मुझसे खफा रहे 
रहा पूछता उनसे मैं खैरियतें 

यूँ ही कशमकश में ही रह गए 
न वो सुन सके मेरी आहटें ,

थोड़ी इल्म की ही कसर रही 
वर्ना हो रही होती मुहब्बते ,

मेरे दिल में ऐसे बसे है वो 
जैसे कुरान की हो आयतें 

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