Tuesday 18 July 2017

Baki hai hindi shayri ,


  

*****बाकी हैं *****                               १९/०७/२०१७ 


वो झुका , और ना पहुंचा हाथ उनके पैरों तक ,तो क्या हुआ ,
खुश हूँ की चलो उनमे झुकने का सलीका अभी बाकी है ,


Thursday 13 July 2017

Poem on pyaar love ,ARSE POEM BY SUNILAGRAHARI - intazar-अरसे

    



 


*****अरसे ****                                                                                     

  देखा नहीं  है जाने बीते कितने अरसे ,
झलक तो अब दिखला जा नैना बादल बरसे। 

सोचा था मिल जाओगे ,जब निकला घर से ,
मन उथल पुथल थम जायेगा मिलने भर से। 

कहा नहीं अब तक कुछ तुझसे लगता भय से ,                                         
ख्वाब ख्याल तेरा है मुझको लगता मय  से।                                                     

खबर तेरे आने की जैसे खिलते फूल से ,
सब कुछ भूल से भूला रहता हूँ मैं जैसे ,

कायनात से बातें कर तेरी, मन मेरा हरसे ,
चर्चा हो चहुँ और तेरी , दिल बोले मन  से ,

तड़प है कैसी प्यास नहीं बुझती है जल से ,
जबकी  हरपल जीता रहता तेरे जलसे ,

जिस पल तुझको जियूं न वो पल जैसे शूल से ,
उलझ सुलझ कर जुड़ा हूँ मैं तो तेरे मूल से।  

 @१०/०५/२०१४ 



Road safety hindi poem-.Traffic rules awareness poem , ट्रैफिक नियम हिन्दी कविता, सड़क सुरक्षा हिन्दी कविता

hindi poem on traffic rules 

Hindi poem on road safety 





**** ट्रैफिक नियम कविता ****
सड़को पे चलना है अगर 
ट्रैफिक नियम को मान लो 
ट्रैफिक नियम ना मानोगे तो 
जोखिम में जान मान लो 

रेड लाइट  देख कर तुम 
गाडी को अपने रोक दो ,
पीली पे गाड़ी स्टार्ट करो 
ग्रीन लाइट हो तो चल पड़ो 

ग़र तुम हो ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर ,
तो इसके आगे मत बढ़ो ,
ग्रीन लाइट का इंतज़ार करो ,
पर रेड लाइट तुम न जम्प करो ,

ध्यान लगाओ ड्राविंग पर ,
फोन पे बाते मत करो ,
जल्दी बजी भूल कर ,
ओवरटेक करना छोड़ दो ,

बाए रस्ते पर चलो 
फुटपाथ का रास्ता छोड़ दो 
पीकर शराब मत चलो 
जीवन का खतरा टाल दो 

सर की सुरक्षा के लिए 
हेलमट को सर पे बान्ध लो 
कार  चलाना है अगर 
सीट बैल्ट को पहले बाँध लो 

गाड़ी को चलाते वख्त
सड़कों पे केवल ध्यान दो
अनहोनी को न दावत दो
मोबाइल को त्याग दो

जीवन ये अनमोल है 
ट्रैफिक नियम के बोल है 
सब की सुरक्षा के लिए 
ट्रैफिक नियम को मान लो         
                                                 रचना   @१  मार्च २०१२ 








Monday 10 July 2017

Poem on politics , NETA JI -BY SUNIL AGRAHARI-Poem on politics -नेता जी

 





*****नेता जी ***** 

फ़क्र होगा आप को सूबे के नेता जो है 

फ़र्क पड़ता नहीं हमको मतदाता जो है ,

गर्व होगा आप को सूबे के मंत्री जो है,
शर्म आती है हमको आप पर  रियाया  जो है , 

ठाठ से  मिलने आते हो पांच साल बाद ,
काठ हम हो गए तुझसे मिलने के बाद ,  

११/० ७ /२०१७





Thursday 6 July 2017




 *****मदद*****                                                  


एक अदद मेरी मदद कीजिये ,
मुझे अच्छा इंसान बना दीजिये। 



Solar energy song ,SAUR URJA POEM BY SUNIL AGRAHARI-FOR SOLAR ENERGY-सौर ऊर्जा एक कविता







SDG POEM GOAL # 7: AFFORDABLE AND CLEAN ENERGY

Energy is central to nearly every major challenge and opportunity.   










*****सूरज  *****    

सूरज से रिश्ता सदियों पुराना ,
अब सौर ऊर्जा से बन्धन निभाना 
वैकल्पिक ऊर्जा का है ज़माना 
इसे हर घर पहुँचाने को, हमने ठाना

जगमग हो जीवन घर घर हो रौशन,
चले पंखा रेडिओ और टेलीविज़न,
सोलर कूकर अब पकाता है खाना 
सोलर पावर को आसां  है  लगाना, 

किसानों की बिजली का सरल उपाय  
सौर पम्प से पानी , खेतों में आये ,
शुद्ध जल पीने को गावँ में  है लाना , 
ग्रामीण विकास सौर ऊर्जा से लाना , 

खेती फसल  को इससे सुखाते  ,
औद्योगिक बिजली भी इससे बनाते, 
कोल्डस्टोरेज गीज़र , इससे चलाना 
ये बेजोड़ है कुदरत का  खजाना ,  

पर्यावरण स्वस्थ सोलर से बनायें  ,
सोलर पवार बिजली से ,राष्ट्र जगमगायें  ,
कम खर्च लागत से है ,जन धन बचाना 
सुरक्षित स्रोतों ,की ओर है जाना ,  

गुणवत्ता मानक सौर यंत्रों की ,
जांच और परख कर, नाइस ही बनाते ,
सोलर सिस्टम की समस्या निवारण ,
नाइस के " सौर मित्रों" से ही करवाना , 

 ०६/०७/२०१७






  

Tuesday 4 July 2017

environment SONG -पेड़

SDG POEM GOAL 13: CLIMATE ACTION

Climate change is a global challenge that affects everyone, everywhere.

            POEM " PED "FOR IMPOTENCE OF TREES 

          

******पेड़****** hindi poem on trees 

कितने प्यारे कितने सुन्दर 
हरे भरे हैं पेड़ की छाया ,
पेड़ों से फल फूल है मिलते 
जो है सब के मन को भाया ,
पंछी ने घर घोसले 
पेड़ों पर ही बनाया ,
जंगल जानवर पेड़ों की 
माँ ने कहानी सुनाया ,
पेड़ है अनमोल धन 
जीवन इसमें समाया ,

HUNAR - hindi poem FOR skill BY SUNIL AGRAHARI -हुनर

        


 



*****हुनर *****        

तेरा हुनर जब से वख्त ने  पहचाना ,
हर शै शहर का हुवा तेरा दीवाना ,
तुझे छु कर बंज़र मिटटी हुई सोना 
पत्थरो में आस का  फूटा है झरना ,
शहर दर शहर बुत भी , तेरा दीवाना 
मिलने की चाह  में बस आगे बढ़ते जाना 
हर अदना बड़ा पत्थर, तुझपे नज़र टिकाये ,
क्या पता तेरा दिल, कब उनपर आ जाये 
पत्थरों की चिंगारी में ,दिल धड़क जाए ,
अखबारों में ये चर्चा खूब आम हो जाये
मिटटी की बदली जैसे ,उनकी भी बदल जाए 
नकारे से ये पत्थर, सोने में बदल जाए,
बस एक बार हाथ तेरा ,पत्थरो को छू जाए। 

१२ /०६/२०१७                                                                                   


LEADERSHIP HINDI POEM KYA BADHA -BY SUNIL AGRAHARI -TRUE LEADERSHIP POEM-क्या बढ़ा


GOAL 17: PARTNERSHIPS FOR THE GOALS

Revitalize the global partnership for sustainable development
                                                        


मेरी ये रचना पूर्व  प्रधानाचार्य  एवं वर्तमान निदेशक  श्रद्धेय श्री अशोक पाण्डे जी को सादर समर्पित है ,आज तक उनके व्यक्तित्व को जितना मैं अनुभव कर पाया हूँ उसकेअनुपात में मेरी रचना सूरज को दिया दिखने जैसा  है  ......


मै बढ़ा अकेले तो क्या बढ़ा ,ग़र मीत मेरा ना बढ़ा ,
                  
मैं खड़ा अकेले तो क्या खड़ा ,ग़र मीत  मेरा ना हुआ खड़ा 

है जीत मेरी जीत क्या , ग़र जीत न हो मेरे यार की 
विश्वाश अटल करते सब पर, ये जीत है उनके प्यार की 

जिस राह पे तन्हां मैं चला ,उस पर हो  मेरा हमराह भी 
मेरी हर सफलता तब सफल जब हो सफल मेरा यार भी 

मेरी हर विफलता भी सफल ,ग़र मीत ना हो उसपर विफल
मेरी हर सफलता भी विफल ,जब मीत मेरा हो विफल 

नित खोजते नई मंज़िले ,तरक्की दुनियाँ  के वास्ते ,
हर कोई आगे बढ़ सके , बनाते नित नए रास्ते ,

हो कारवां उस राह पे , जिस पथ पे चल के मै बढ़ा  
जीना नहीं निजता लिए ,हो वख्त कैसा भी आ पड़ा 

     ग़र मज़िलों के मुश्किलों में देखा मीत  को अड़ा 
           ख़ुद शून्य बन कर अंक संग ,बनाते अंक को है बड़ा          
                                                                             

                                                               sunil agrahari ५/६/२०१७