Tuesday 11 September 2012

Sparsh hindi poem ,स्पर्श - feelings , ehsaas , yaade ,poem by sunil agrahari

                               

कल तुम्हारे पास था , तब मै  तुमसे दूर था ,
आज तुम मुझसे दूर हो तो लगता है ...
मै तुम्हारे कितने करीब हूँ .....
हकीक़त में तुम दूर तब भी थे और आज भी ,
कल रूबरू थे ,आज अहसास हो ,
सामने  धड़कन के साथ थे ,
आज तुम्हारी यादों के साथ हो  ,
कल तुम्हें देख सकते थे
चाँद तारों की तरह ,
आज यादों की छुअन  महसूस करता हूँ
बहती हवा के झोंके की तरह ,
बात कर सकता था कल
आज सिर्फ सोच सकता हूँ ,
न छुआ था कल
इस लिए स्पर्श का अहसास कर नही  सकता,
अब  दूर रह कर ,छूने की  तमन्ना लिए
तुम्हारे पास हूँ ,
एक तुम्हारी
आस है
जो हमारी
सांस
है .........................





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