Monday 5 October 2015

HINDI POEM on PYAAR प्यार-Poem on love , affection , relation by sunil agrahari



          **** प्यार ***२/१०/२०१५ 

  प्यार पराया करता है , या अपनों से जुड़ता है ,
रिश्तों का रूप अनोखा है , ये मिलता बंटता  रहता है ,

कोई प्यार में जान लेता है ,कोई प्यार से जान देता है,
चाहे अनचाहे रिश्तों में , अपना पराया होता है ,

प्यार में  है फरमाइशें ,मिलन जुदाई की ख्वाहिशें,
ऐतबार ,मुकद्दर रिश्तों का ,सिमटना बिखरना होता है,

सूरत सीरत के रिश्तों में , शबनम भी तराशे जाते है ,
इक ठेस उम्र है  प्यार की , फिर ये कहीं ना टिकता है ,

प्यार में खून का रिश्ता नहीं,ये तो नज़र का धोखा है,
प्यार से  खून हारता है ,प्यार ही खून का रिश्ता है ,

2 comments:

  1. pyaar se hamein aapki kavitayein padate jaiye aur hamara ashirwad lete jaiye kyunki ashirwad bhi aajkal mushkil se milta hai.

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  2. सही बात बोली आपने........

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