Thursday, 28 December 2017

SEVA BHAV -POEM FOR HELPERS OF THE SOCIETY - BY SUNIL AGRAHARI - सेवा भाव

      


SDG SONG 17: PARTNERSHIPS FOR THE GOALS

Revitalize the global partnership for sustainable development      

POEM  FOR HELPERS OF THE SOCIETY 

          सेवा भाव            28/12/2017 

स्कूल एक मंदिर ,बच्चे देवी देवा ,
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा  



बस में बन के ड्राइवर  , घर से सब को लाते

सिक्योरिटी गार्ड बन कर ,गेट पर तुम रहते
ट्रांसपोर्ट मैनेज करे के  ,करते सब की सेवा
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा



सब से पहले आते ,बाद सब के जाते ,

कोई भी हो फंक्शन ,सब से आगे रहते ,
काम चुटकियों में कर के ,करते सब की सेवा
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा



लाइट साउंड आरओ के, अंकल तुम्ही हो ,

कंप्यूटर और इंटरनेट के फ्रैंड भी तुम्ही हो,
फोन और ऐ सी की भी ,तुम करते सेवा
बिन तेरे होये न ,इनकी पूरी सेवा



स्कूल के चमन में, फूल तुम खिलाते ,

कारपेंटर का काम ,भलीभांति करते
पेड़ पौधों गमलों की ,तुम करते सेवा
बिन तेरे होए न इनकी पूरी सेवा



स्कूल में सब की, है भगीदारी

काम की ही इज़्ज़त ,होती है हमारी
दिल से करो काम ,खाओ प्यार मेवा 
बिन तेरे होए ना ,इनकी पूरी सेवा











Sunday, 26 November 2017

Poem on Common sense PADHE LIKHE POEM BY SUNIL AGRAHARI --literate literate, पढ़े लिखे, ashikshit hindi poem





                              

****अशिक्षित *****  
       
बड़े पढ़े लिखे देखे हमने 
गलतियों को दोहराते हुए , 

कराह रही थी इंसानियत 
ना देखा बगल से जाते हुए 

वो चूर थे अपने ओहदों पर 
अपनी नाकामियों को छुपाते हुए 

भर रहे थे जेबे अपनी 
लोगो का हक़ मारते हुए 

भागते तरक्कियो के पीछे 
अपनों से दूर जाते हुए ,

छाता लगा बरसात में 
पौधों को पानी सींचते हुए 

रुखसत हुए जहाँ से 
बद्दुआओं में लिपटे हुए  हुए 
२२/०८ /२०१७

Thursday, 12 October 2017

Shadi geet ,wedding , mehndi songs -मेहँदी गीत

                                                            

                                       *****मेहँदी गीत *****

                                          mehndi geet in hindi , wedding song lyrics  in hindi 
                                                                 मैंने पायल है छनकाई
          मैंने पायल है छनकाई , फिर क्यों आया ना हरजाई  x २ 
मेरी सांसो में तू है बसा  ओ  सजना 
आजा न अब तरसा  ओ  आजा न अब तरसा
      music 
चले जब ये पुरवाई ,बजे दिल में शहनाई 
तू ही मेरे सपनो का , ओ सजना  अअअअअ  x २ 
मैंने -२  ओ मैंने चुनरी है  लहराई ,अब तो आजा ओ हरजाई 
मेरी सांसो में तू है बसा  ओ  सजना 
         music 
मैं दिन भर सोच में डूबूँ ,मैं रात में जागूँ ना सोऊ 
तू ही दिल में रहता है ,ओ सजना  अअअअअ  x २ 
मैंने -२ चूड़ी है ख़नकाई ,अब तो आजा ओ हरजाई 
मेरी सांसो में तू है बसा  ओ  सजना 

                     बन्नो तेरी अंखिया             
बन्नो तेरी अंखिया सुरमे दानी 
बन्नो तेरा मुखड़ा लाख का रे 
बन्नो तेरा कंगना है हज़ारी 
बन्नो तेरी अंखिया सुरमे दानी 
                  music 
  बन्नो तेरा झुमका लाख का  रे -3 
बन्नो तेरी झांझर है हज़ारी , 
            music 
बन्नो तेरी मुंदरी लाख की रे -३ 
बन्नो तेरी नथनी है हज़ारी
             music 
बन्नो तेरा जूड़ा लाख का  रे-३ 
बन्नो तेरा टीका है हज़ारी
             music 
बन्नो तेरा बन्ना लाख का रे 
बन्नो तेरी जोड़ी है हज़ारी 

            मत्थे ते चमकन
मत्थे ते चमकन वाल ,मेरे बनेरे ते ,
 music 
      लाओ नई लाओ ऐनु सगनां दे मेंहदी -२ 
मेहँदी करे हाथ लाल ,मेरे बनेरे ते ,
music 
  पाओ नी  पाओ  ऐनु सगनां दा  गाना ,
गाने दी रंग ने हज़ार मेरे बनेरे ते,
music 
आइयां नी आइयां बेहनन मेहँदी ले के ,
बेहनानु किनिये ने ख्याल नि मेरे बनेरे ते,

                       चिट्टा कुक्ड       
चिट्टा कुकड़ बनेरे ते -२ 
कासनी दुपट्टे वालिये ,मुंडा सदके  तेरे वे ,-२ 
music
सारी खेड लकीरॉन दी -२ 
गड्डियाए स्टेशन ते ,आँखे पिछ गई वीरां  दी  ,-२ 
music 
पिपला दियाँ छावां दी,-२ 
आप अट्टी डोली तोर के माँ ,पेया करां दुवावां नी -२ 
music 
कुंडा लग गए ताली नू -२ 
हथ उत्थे मेहँदी लग गई , एक किस्मत वालिये नू ,-२ 
music 
हीरा लख सवा लख दाये -२ 
तिन वालियाँ दियाँ ,रब इज़्ज़त रखदाये -२ 

   मेहँदी रचेगी 
मेहँदी रचेगी तेरे हाथ ,ढोलक बजेगी सारी रात ,x २ 
जाके तू सजना के साथ ,भूल ना जाना ये दिन रात ,
तुझको देस पिया का भाये ,तेरा पीया तेरे गुन  गाये x २ 
आये खुशियों की बरात ,ले के रंगों की बरात ... 
                                  music 
कंगना बाहों में जब खनके ,खोले भेद ये तेरे मन के x २ 
चाहे करो ना कोई बात ,सब ने जान किये जज़्बात 
                                 music 
तेरा घूंघट ,जो उठाये ,रूप तेरा, सह ना पाए,
चाँद को वो भूल जाए ,देखे तेरा शृंगार ,
                                 music 
तेरे माथे का ये झूमर , बोले पिया के मन को छू कर -२ 
सजना सुन लो मेरी बात ,  जीवन भर का है ये साथ ,
मेहँदी रचेगी तेरे हाथ

          मेहँदी है रचने वाली 

मेहँदी है रचने वाली ,हाथों में गहरी लाली ,
कहे सखियाँ, अब कलियाँ ,हाथों में खिलने वाली है ,
तेरे मन को जीवन को ,नई खुशियां देने वाली है ,
ओ हरियाली बन्नो ओ ओ ओ ओ 
ले जाने तुझको गुइयाँ ,आने वाले है सैयां , थामेंगे आके बाइयाँ 
गूंजेगी शहनाई अंगनाई अंगनाई  ----- मेहँदी है रचने वाली
                                            music 
गाये मईया और मौसी ,गाये बहाना और भाभी ,
के मेहँदी खिल जाए ,रंग लाये  हरियाली बन्नी  
गाये फूफी और चाची ,गाये दादी और नानी 
के मेहँदी मन भाये ,सज जाए  हरियाली बन्नी  
मेहंदी रूप सवेरे ,ओ मेहँदी रंग निखरे  हो 
हरियाली बन्नो के आँचल में उतरेंगे तारे,
 मेहँदी है रचने वाली    ...... 
                                         music 
गाजे बाजे बाराती ,घोडा गाड़ी और हाथी ,
को लाएंगे साजन तेरे अंगना, हरियाली बन्नो ,
तेरी मेहँदी वो देखेंगे तो अपना दिल रखदेंगे ,
वो पैरों में तेरे चुपके से हरियाली बन्नो ,
मेहंदी रूप सवेरे ,ओ मेहँदी रंग निखरे  हो 
हरियाली बन्नो के आँचल में उतरेंगे तारे,
 मेहँदी है रचने वाली    ...... 

        बन्नो हमारी 
बन्नो हमारी रंगीली छबीली लग जाए ना न
  music 
     रूप  की  रानी बन्नो हमारी , गोरी गोरी सूरत है प्यारी -२ 
बन्नो हमारी छबीली छबीली,लग जाए ना नजरा 
music 
सज रही कैसे माथे बिंदी ,खूब रची हाथों  पर मेहँदी ,
लगती है कितनी सजीली सजीली , लग जाए ना नजरिया रे,
music 
खूब सजा शादी का जोड़ा , मुस्काये जग थोड़ा थोड़ा ,
आंखे बड़ी है रसीली रसीली ,लग जाए ना नजरिया रे,
 music 
बन्नो हमारी चंम्पा कली है ,लाड प्यार में ये तो पली है ,
रस्मे बड़ी है रसीली रसीली ,लग जाए ना नजरिया रे,

 नज़ारा गईली गुइयाँ 

पटना से बैदा बुलाई दा नज़ारा गइली गुंइयां 
नज़ारा गइली गुंइयां ,नज़ारा गइली गुंइयां 
                              music 
बारे बलम -२ गइली पूर्वी वातनियाँ -२ 
कोई सनेसा चहुँपाइदा ,नज़ारा गइली गुंइयां 
                               music 
छुटकी ननदिया -२ बड़ी सौतनियाँ -२ 
ननदों के गौना कराईंदा ,नज़ारा गइली गुंइयां 
         अपना बन्ना            

अपना बन्ना फूल गुलाबी ,बन्नो  ,चँम्पे की काली -२

इनकी ,मनोहर जोड़ी लागे ,कितनी भली-२ 
अपना बन्ना फूल गुलाबी।।।।।।।।
                           music 
बन्ना के घर में ये पहली ख़ुशी है २- 
पहली ख़ुशी है (बड़ी देर से मिली है)-२ 
सपना पूरा हुवा ,मन की ,आशा फली,
इनकी मनोहर जोड़ी लागे ,कितनी भली,
                            music  
दिन रंग भरे आएंगे ,होगी हर रात दिवाली,
संग लेके चले अपने घर ,अब दिया जलाने वाली ,
प्यारे भैया ने पाई ,दुल्हन ,सांचे में ढली 
इनकी मनोहर जोड़ी लागे , कितन भली,
बन्नी आवेला 

(ऐसे सज धज कर थारे अंगना ,
लयसी  हीरा मोती पन्ना 
बन्नी आवेला थारो बन्ना  )... २ 

(ल्यासी रतन जड़ाऊ टीका ,
   कंगन पूनम चाँद सरीखा ) ......  x २ 
चम् चम  ल्यासी रहे  चुनरिया 
चम् चम बिछिया और पैजनिया 
  ( थारो बनड़ो मौसी  बन्ना ) ......  x २ 
                    
(ऐसे सज धज कर थारे अंगना ,
लयसी  हीरा मोती पन्ना 
(बन्नी आवेला थारो बन्ना  )... २ 
     music
ऐसी सज धज थारे अंगना
लयसी फूलरा थारे गहना ,
बन्नी आवेला थारो बन्ना  ... २ 
लयसी फूलरा थारे गहना ,
(बन्नी आवेला थारो बन्ना)  ... २ 

महकन लागे है चमेली ,
मोगरा गेंदा करे अठखेली  ... २ 
जैसी जूही रात की रानी ,
फैला चांम्पा प्रीत निशानी 
(थारो बनड़ो मौसी  बन्ना  )......  x २ 
music 
ऐसे सज धज कर  थारे अंगना ,
लयसी  हीरा मोती पन्ना 
बन्नी आवेला थारो बन्ना  ... २ 


बन्नो रे बन्नो 
बन्नो रे बन्नो मेरी चली ससुराल को
अखियों में पानी दे गयी
दुआ में मीठी गुड धानी  ले गईx2
रे कबीरा मान जा  ,रे फकीर यूँ ना जा
आजा तुझको पुकारे तेरी परछाइयाँ
रे कबीरा मान जा ,रे फकीर यूँ ना जा
कैसा तू है निर्मोही कैसा हरजाईया

रे कबीरा रे कबीराx4
टूटी चारपाई वहीँ ठंडी पुरवाई रास्ता देखे
दूधों की मलाई वहीँ
मिटटी की सुहारी रास्ता देखे
हो दूधों की मलाई वहीँ
मिटटी की सुहारी रास्ता देखे

 
गुडिया री गुडिया तेरा गुड्डा परदेशिया
जोड़ी आसमानी हो गई
सगुन पे  देखो सादमानी  हो गई all x2
 रे कबीरा मान जा ,रे फकीर यूँ ना जा
आजा तुझको पुकारे तेरी परछाइयाँ
कैसा तू  है निर्मोही कैसा हरजाईया

 
रे कबीरा रे कबीरा x

माधानियाँ 
होये मेरे दादेया रब्बा  
किन्ना जामियां , किन्नाने ले जानियाँ हाय -2 
मेहँदी ssssss 
लगदी सुहागन नू नई मरदे ,दमा तक रहन्दी हाय 
झुमकेssssss
अंबरी दा दिल कॉमबेया आज मुंह ,लाडो दा चुमके हाय 
चूड़ियाँ ssssss
सोर घर जाण वालिये ,शाला हूने मुरादां पूरियाँ हाय 
तारे ssssss

चन्न जेहे मुखड़े ते -तेन टिका ,लश्करे मारे हाय 
लोई ssssss
बाबुल तेरा महलों विचों ,तेरी लाडो ,परदेसहन होई ,




 






Wednesday, 13 September 2017

Haasya vyangya kavita ,RAAYATA POEM BY SUNIL AGRAHARI --funny poem on rayta- रायता एक कविता

 













**रायता एक कविता **

ऐ इंसान तू अहसान फरामोश  हो  गया ,
खाना खाते तू खुद से मिस्टेक कर गया ,
तूने ही छलकाया तो मै बाहर गिर गया ,
और मुँह बना कर कहता है ,रायता फ़ैल गया ,

नज़ाकत के साथ लज़ीज़ बन कर आ गया ,
प्लेट के कोने में बड़ी इज़्ज़त से पसर गया  ,
हर कौर में भर दो चम्मच अटैच  कर दिया ,
मेरे वज़ूद संग बेमुरौवत सा बर्ताव कर दिया,
थोड़ा  सा बच गया तो तूने पानी मिला दिया ,
स्वाद के चक्कर में तूने नमक मिर्च भर दिया ,
गाढ़ा बन कर आया था मै ,स्लीम कर दिया ,
मेरी ही इज़्ज़त का तूने रायता फ़ैला दिया ,

तेरे स्वाद के वास्ते मै सीधा सादा बन गया ,
खीरा बूँदी बथुआ से मै तुरंत बन गया ,
ग़रीब अमीर सब की जुबां पे आ गया ,
वेज नॉनवेज सब का साथी बन गया ,
तेरी गलतियों के ठीकरे की दूकान बन गया ,
साइलेंट स्वाभाव मेरा वाईलेंट कर दिया 
फिर भी तू कहता है रायता फ़ैल गया ,

खाने से पहले और बाद में मुझे ढूंढते हो ,
मुफ्त में जो मिला तो ग्लास में भर लेते  हो  ,
लच हो डिनर मुझ पर टूट पड़ते हो ,
बेसब्र हबड़ दबड़ प्लेट में निकालते हो ,
डाइजेस्टिव समझ मुझको पूरा डकार लिया ,
और मज़ा ले के कहते हो रायता फ़ैल गया ,

किसी ने मारा धक्का मैं बाहर फ़ैल पड़ा ,
बीवी का लफड़ा ,बॉस से हुआ  झगड़ा 
चाहे बच्चे के सुसू ने , भीगा दिया कपड़ा,
या बन्द पैकेट से निकला ,टूटा खाखड़ा,
गोरे चिट्टे रायते का मुँह कला कर दिया ,
"फ़ैल गया रायता "ताक़ियाकलाम  बना दिया 

गिरा पानी,चटनी, कुछ भी उसे माफ़ कर दिया,
मैं ना था फिर भी मौके पर मौजूद कर दिया 
इल्ज़ाम लगा मुझपर देखो रायता फैल गया
ऐ इंसान तू अहसान फरामोश  हो  गया 
फैलाता है मुझको तू खुद गलतियाँ कर के 
मुँह बना कर कहता है ,रायता फ़ैल गया । 
                                             सुनिल अग्रहरि 

Sunday, 13 August 2017

TIRANGA azadi ka kavita - BY SUNIL AGRAHARI -hindi poem on national flag -तिरंगा

   




कह रहा तिरंगा ,मैं आज बड़ा खुश हूँ ,
देश की  सेवा में ,मे भी लगा हूँ 
कफ़न बनते बनते दुखी हो चुका हूँ ,
कुछ काम नया करने आज मैं चला हूँ,
वैसे तो सदियों से मैं बिकता रहा हूँ,
नेताओं दलालों सियासत में रहा हूँ
गद्दारो के वास्ते मैं विदेशों में बिका हूँ,
पर ग़रीबों के वास्ते आज बिकने चला हूँ,
ग़रीबों संग देश के चौराहे पे बिका रहा हूँ ,
मैं खुश हूँ गरीबों के काम तो आ रहा हूँ ,
लोग खरीद रहे शान से ,मैं शान से बिक रहा हूँ ,
कह रहा तिरंगा मैं आज बड़ा खुश हूँ ?......
पर समझ नहीं आता,
मैं कहाँ से ,किसके लिए आज़ाद हूँ ?

बेटियों को नोचते है आज़ाद ये दरिन्दे,
भूखे ग़रीब ग़ुलाम जैसे कैद में परिन्दे,
राज कर रही विदेशी आँग्ल भाषा, 
उपेक्षा की शिकार मेरी मातृ भाषा,
भूखा प्यासजिस दिन न कोई रहेगा,
अपनी छत के नीचे जब हर कोई रहेगा,
वतन का हर बच्चा जब स्कूल में पढ़ेगा,
हर गाँव प्रगति पथ पर जब आगे बढ़ेगा,
स्वास्थ्य सेवा जब हर जन को मिलेगा,
हर क्षेत्र में जब देशआत्मनिर्भर बनेगा 
भेद भाव मज़हब में जब खत्म होगा,
इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म होगा, 
जाति पात धर्म का न जब होगा दंगा,
प्रदूषण से आज़ाद जब होगी गंगा,
गर्भ वाली कन्या जब आंगन में बढ़ेगी,
स्वतंत्र आसमाँ में जब बेटियाँ उड़ेगी,
ये देश ही सब की जब होगी रियासत,
फ़िज़ूल बात पे बन्द जब होगी सियासत, 
देश से ऊपर जब कुछ भी ना होगा ,
देशवासी हिंदी में जब जय हिंद कहेगा,
आज़ादी का सूरज ये तब उदय होगा, 
देश में जनता का जब अन्त्योदय होगा, 
असल मे ये वतन तब आज़ाद होगा। 
असल मे ये तिरंगा तब आज़ाद होगा। 
असल मे ये तिरंगा तब आज़ाद होगा। 
 





 

१४/०८/२०१७


















Tuesday, 18 July 2017

Baki hai hindi shayri ,


  

*****बाकी हैं *****                               १९/०७/२०१७ 


वो झुका , और ना पहुंचा हाथ उनके पैरों तक ,तो क्या हुआ ,
खुश हूँ की चलो उनमे झुकने का सलीका अभी बाकी है ,


Thursday, 13 July 2017

Poem on pyaar love ,ARSE POEM BY SUNILAGRAHARI - intazar-अरसे

    



 


*****अरसे ****                                                                                     

  देखा नहीं  है जाने बीते कितने अरसे ,
झलक तो अब दिखला जा नैना बादल बरसे। 

सोचा था मिल जाओगे ,जब निकला घर से ,
मन उथल पुथल थम जायेगा मिलने भर से। 

कहा नहीं अब तक कुछ तुझसे लगता भय से ,                                         
ख्वाब ख्याल तेरा है मुझको लगता मय  से।                                                     

खबर तेरे आने की जैसे खिलते फूल से ,
सब कुछ भूल से भूला रहता हूँ मैं जैसे ,

कायनात से बातें कर तेरी, मन मेरा हरसे ,
चर्चा हो चहुँ और तेरी , दिल बोले मन  से ,

तड़प है कैसी प्यास नहीं बुझती है जल से ,
जबकी  हरपल जीता रहता तेरे जलसे ,

जिस पल तुझको जियूं न वो पल जैसे शूल से ,
उलझ सुलझ कर जुड़ा हूँ मैं तो तेरे मूल से।  

 @१०/०५/२०१४ 



Road safety hindi poem-.Traffic rules awareness poem , ट्रैफिक नियम हिन्दी कविता, सड़क सुरक्षा हिन्दी कविता

hindi poem on traffic rules 

Hindi poem on road safety 





**** ट्रैफिक नियम कविता ****
सड़को पे चलना है अगर 
ट्रैफिक नियम को मान लो 
ट्रैफिक नियम ना मानोगे तो 
जोखिम में जान मान लो 

रेड लाइट  देख कर तुम 
गाडी को अपने रोक दो ,
पीली पे गाड़ी स्टार्ट करो 
ग्रीन लाइट हो तो चल पड़ो 

ग़र तुम हो ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर ,
तो इसके आगे मत बढ़ो ,
ग्रीन लाइट का इंतज़ार करो ,
पर रेड लाइट तुम न जम्प करो ,

ध्यान लगाओ ड्राविंग पर ,
फोन पे बाते मत करो ,
जल्दी बजी भूल कर ,
ओवरटेक करना छोड़ दो ,

बाए रस्ते पर चलो 
फुटपाथ का रास्ता छोड़ दो 
पीकर शराब मत चलो 
जीवन का खतरा टाल दो 

सर की सुरक्षा के लिए 
हेलमट को सर पे बान्ध लो 
कार  चलाना है अगर 
सीट बैल्ट को पहले बाँध लो 

गाड़ी को चलाते वख्त
सड़कों पे केवल ध्यान दो
अनहोनी को न दावत दो
मोबाइल को त्याग दो

जीवन ये अनमोल है 
ट्रैफिक नियम के बोल है 
सब की सुरक्षा के लिए 
ट्रैफिक नियम को मान लो         
                                                 रचना   @१  मार्च २०१२ 








Monday, 10 July 2017

Poem on politics , NETA JI -BY SUNIL AGRAHARI-Poem on politics -नेता जी

 





*****नेता जी ***** 

फ़क्र होगा आप को सूबे के नेता जो है 

फ़र्क पड़ता नहीं हमको मतदाता जो है ,

गर्व होगा आप को सूबे के मंत्री जो है,
शर्म आती है हमको आप पर  रियाया  जो है , 

ठाठ से  मिलने आते हो पांच साल बाद ,
काठ हम हो गए तुझसे मिलने के बाद ,  

११/० ७ /२०१७





Thursday, 6 July 2017




 *****मदद*****                                                  


एक अदद मेरी मदद कीजिये ,
मुझे अच्छा इंसान बना दीजिये। 



Solar energy song ,SAUR URJA POEM BY SUNIL AGRAHARI-FOR SOLAR ENERGY-सौर ऊर्जा एक कविता







SDG POEM GOAL # 7: AFFORDABLE AND CLEAN ENERGY

Energy is central to nearly every major challenge and opportunity.   










*****सूरज  *****    

सूरज से रिश्ता सदियों पुराना ,
अब सौर ऊर्जा से बन्धन निभाना 
वैकल्पिक ऊर्जा का है ज़माना 
इसे हर घर पहुँचाने को, हमने ठाना

जगमग हो जीवन घर घर हो रौशन,
चले पंखा रेडिओ और टेलीविज़न,
सोलर कूकर अब पकाता है खाना 
सोलर पावर को आसां  है  लगाना, 

किसानों की बिजली का सरल उपाय  
सौर पम्प से पानी , खेतों में आये ,
शुद्ध जल पीने को गावँ में  है लाना , 
ग्रामीण विकास सौर ऊर्जा से लाना , 

खेती फसल  को इससे सुखाते  ,
औद्योगिक बिजली भी इससे बनाते, 
कोल्डस्टोरेज गीज़र , इससे चलाना 
ये बेजोड़ है कुदरत का  खजाना ,  

पर्यावरण स्वस्थ सोलर से बनायें  ,
सोलर पवार बिजली से ,राष्ट्र जगमगायें  ,
कम खर्च लागत से है ,जन धन बचाना 
सुरक्षित स्रोतों ,की ओर है जाना ,  

गुणवत्ता मानक सौर यंत्रों की ,
जांच और परख कर, नाइस ही बनाते ,
सोलर सिस्टम की समस्या निवारण ,
नाइस के " सौर मित्रों" से ही करवाना , 

 ०६/०७/२०१७






  

Tuesday, 4 July 2017

environment SONG -पेड़

SDG POEM GOAL 13: CLIMATE ACTION

Climate change is a global challenge that affects everyone, everywhere.

            POEM " PED "FOR IMPOTENCE OF TREES 

          

******पेड़****** hindi poem on trees 

कितने प्यारे कितने सुन्दर 
हरे भरे हैं पेड़ की छाया ,
पेड़ों से फल फूल है मिलते 
जो है सब के मन को भाया ,
पंछी ने घर घोसले 
पेड़ों पर ही बनाया ,
जंगल जानवर पेड़ों की 
माँ ने कहानी सुनाया ,
पेड़ है अनमोल धन 
जीवन इसमें समाया ,

HUNAR - hindi poem FOR skill BY SUNIL AGRAHARI -हुनर

        


 



*****हुनर *****        

तेरा हुनर जब से वख्त ने  पहचाना ,
हर शै शहर का हुवा तेरा दीवाना ,
तुझे छु कर बंज़र मिटटी हुई सोना 
पत्थरो में आस का  फूटा है झरना ,
शहर दर शहर बुत भी , तेरा दीवाना 
मिलने की चाह  में बस आगे बढ़ते जाना 
हर अदना बड़ा पत्थर, तुझपे नज़र टिकाये ,
क्या पता तेरा दिल, कब उनपर आ जाये 
पत्थरों की चिंगारी में ,दिल धड़क जाए ,
अखबारों में ये चर्चा खूब आम हो जाये
मिटटी की बदली जैसे ,उनकी भी बदल जाए 
नकारे से ये पत्थर, सोने में बदल जाए,
बस एक बार हाथ तेरा ,पत्थरो को छू जाए। 

१२ /०६/२०१७                                                                                   


LEADERSHIP HINDI POEM KYA BADHA -BY SUNIL AGRAHARI -TRUE LEADERSHIP POEM-क्या बढ़ा


GOAL 17: PARTNERSHIPS FOR THE GOALS

Revitalize the global partnership for sustainable development
                                                        


मेरी ये रचना पूर्व  प्रधानाचार्य  एवं वर्तमान निदेशक  श्रद्धेय श्री अशोक पाण्डे जी को सादर समर्पित है ,आज तक उनके व्यक्तित्व को जितना मैं अनुभव कर पाया हूँ उसकेअनुपात में मेरी रचना सूरज को दिया दिखने जैसा  है  ......


मै बढ़ा अकेले तो क्या बढ़ा ,ग़र मीत मेरा ना बढ़ा ,
                  
मैं खड़ा अकेले तो क्या खड़ा ,ग़र मीत  मेरा ना हुआ खड़ा 

है जीत मेरी जीत क्या , ग़र जीत न हो मेरे यार की 
विश्वाश अटल करते सब पर, ये जीत है उनके प्यार की 

जिस राह पे तन्हां मैं चला ,उस पर हो  मेरा हमराह भी 
मेरी हर सफलता तब सफल जब हो सफल मेरा यार भी 

मेरी हर विफलता भी सफल ,ग़र मीत ना हो उसपर विफल
मेरी हर सफलता भी विफल ,जब मीत मेरा हो विफल 

नित खोजते नई मंज़िले ,तरक्की दुनियाँ  के वास्ते ,
हर कोई आगे बढ़ सके , बनाते नित नए रास्ते ,

हो कारवां उस राह पे , जिस पथ पे चल के मै बढ़ा  
जीना नहीं निजता लिए ,हो वख्त कैसा भी आ पड़ा 

     ग़र मज़िलों के मुश्किलों में देखा मीत  को अड़ा 
           ख़ुद शून्य बन कर अंक संग ,बनाते अंक को है बड़ा          
                                                                             

                                                               sunil agrahari ५/६/२०१७   
                                                                         
                                                                             


Friday, 24 March 2017

Na soojha hindi poem by sunil agrahar - Hindi poem on views ,ज़िद , कविता -ना सूझा , poem on realty of life

           

  

 Published 

magzine - Jankaari kaal 

Delhi - February 21             

उम्र भर आँखे मसलता रहा 
मुसलसल चश्मा साफ़  करत रहा ,
न सूझा के धूल नज़रिये में है ,
इल्ज़ाम ज़माने पे लगाता रहा ,

ख़ुद को क़ामिल समझता रहा,
मशवरा मुफ्त सब को देता रहा  ,
न सुझा के महफ़िल की सुन लूँ  कभी ,
बेवजह तमाशा मैं बनता रहा ,

बेसबब बहस उनसे करता रहा ,
बातें मुकम्मल ,काटता मैं रहा ,
न सुझा के स्याह तो स्याह होता है ,
बारहा सोने को पीतल कहता रहा........ 

सुनील अग्रहरी 

मुसल्सल- लगातार 
क़ामिल  - सम्पूर्ण होना 
मशवरा  - सलाह 
बेसबब   - बिना मतलब 
मुकम्मल - सही बात 
बारहा     - कई बार,प्रायः     
   

 २४/०३/२०१७  












Wednesday, 22 March 2017

poem on samajik samsya , social issues JUNG POEM BY SUNIL AGRAHARI - जंग

   

****जंग  ****  poem on fight , poem on social issues ,jung                                                       


जंग की बहार है ,जंग की बहार है ,
तंग दिल हर तरफ़ तादाद बेशुमार है ,

छोटी मोटी बात पर लड़ाई आर पार है ,
दो दिलों के बीच खींची अहम् की दीवार है ,


जीत सिर्फ अपनी है दूसरों की हार है ,
सहन न कुछ भी पर प्यार की दरकार है ,

बाँटना ना कुछ भी बस लेने की गुहार है ,
पेट है भरा फिर भी खाने की मार है ,

सूफ़ी है सहमे और अताइयों के वार हैं,
नफरतों की धूप में मुरझा रहा प्यार है ,

दुश्मनी है खुल के ,सिकुड़ता सा प्यार है ,
इंसान अपनी जंग का खुद हो रहा शिकार है ....... 

23/03/2017 











Tuesday, 21 March 2017

Poem on life's , zindagi , NAGINE - BY SUNIL AGRAHARI - poem on relationship नागिनें




रूहानी रिश्ते 

*****नागिनें ***** 

ताउम्र इश्क करता रहा ,
उंगलियो पे सजे नागिनों से ,

ना समझा रूहानी रिश्तों को ,
जो बेशकीमती थे क़रीने से ,

रुखसत हुआ जहाँ से ,
असल नगीने 
सफ़ेद चोले  में जनाज़े से ,

आया चल कर उनके कन्धों पर ,
जिनको लगाया ना था कभी गले से ,

वो नागिनें पड़े थे मुझसे दूर ,
जो मेरे जिस्म के थे अजीज़ से ,

रिश्ते असल नगीने है,
समझा मैं बड़ी देर से ,

रिश्ते ही ज़िन्दा रहते है ,
सफ़ेद चोले में जनाजे से 
बाक़ी हैं ख़ाक से ,

सुना है मेरे कारवाँ में ,
ग़ैर थे बहोत करीब से ........

२१/०३/२०१७






रिश्ते करीब के