मेहमान
गजब के है ऐसे ,मेहमान दिल के ,
बातों ही बातों में होश उड़ा लेते है
नज़रो से उनकी क़यामत बरसती ,
देखते ही देखते ,नींद उदा लेते है ,
चलते है ऐसे , मदमस्त हो के
बड़े बड़े रिन्दों के होश उड़ा देते है ,
बातो का लहजा , ग़ज़ल शायरी सी
बड़े बड़े शायर की सोच उड़ा देते है
लेखक- सुनील अग्रहरि
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