.....याद आता है....
दिन में दर्द की खबर नहीं ,रातों में याद आता ,दिल में कहीं एक जगह है खाली ,रातों में याद आता है ,
भीड़ भरे इस शहर में यारों ,सब अन्जाने दीखते है ,
शहर की हर छत भी है पराई , रातों में याद आता है,
बाद सफ़र को तय करने के हर राही रुक जाता है ,
हर रस्ते के मोड़ पराये ,रातों को ,रातों में याद आता है,
कहर पड़ा जब दिल के ऊपर ,आँख से आंसू बहते थे ,
अश्क कभी न हुवा आँख का ,रातों में याद आता है ,
शोर भरा दिन अच्छा है ,याद भरी इन रातों से ,
रात कभी न आये दोबारा ,रातों में याद आता है ,
लेखक -सुनिल अग्रहरि
the most beautiful lines are:
ReplyDeleteभीड़ भरे इस शहर में यारों ,सब अन्जाने दीखते है ,
शहर की हर छत भी है पराई , रातों में याद आता है,
gazzab!