Sunday 22 July 2012

yaad ataa hai , ashiqui muhabbat ke geet @sunilagrahari

.....याद आता है....

दिन में दर्द की खबर नहीं ,रातों में याद आता  ,
दिल में कहीं एक  जगह है खाली ,रातों में याद आता है ,

भीड़ भरे इस शहर में  यारों ,सब अन्जाने  दीखते  है ,
शहर की हर छत भी है पराई , रातों में याद आता है,

बाद सफ़र को तय करने के हर राही  रुक जाता है ,
हर रस्ते के मोड़ पराये ,रातों को ,रातों में याद आता है,

कहर पड़ा जब दिल के ऊपर ,आँख से आंसू बहते थे ,
अश्क कभी न हुवा आँख का ,रातों में याद आता है ,

शोर भरा दिन अच्छा है ,याद भरी इन रातों से ,
रात कभी न आये दोबारा ,रातों में याद आता है ,


                        लेखक -सुनिल अग्रहरि 


1 comment:

  1. the most beautiful lines are:

    भीड़ भरे इस शहर में यारों ,सब अन्जाने दीखते है ,
    शहर की हर छत भी है पराई , रातों में याद आता है,

    gazzab!

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