Thursday 19 July 2012

Dua hindi poem by sunil agrahari










Published in Akrosh magazine Mauritius APRIL 22

*******दुआ ******

सागर  की  लहरो ने  धोका दिया   है 
रेतों  के  तन्हां  में   , सीप  को  छोड़ा  है। 

लहरों  की  बूंदों  को  मोती  बनाया ,
सिला  सीप  को  नेकी  का  मिला  है। 

फरेबी   लहर ने  सपने  दिखा  कर  ,          
गहराई   से  नाता  ,सीप  का  तोड़ा  है। 

 फिर  भी  दुआ  दे  रहा  है   ,लहर  को,  
 खुद   को  खुदा से   सीप  ने जोड़ा    है। 

                                     सुनील अग्रहरि 

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