*******कोशिश ******
खुशियों को ले करके ग़म अपने देदो ,
शहर में न ऐसा ऐलान होगा ,
खुशियाँ मानाने में हर शख्स आगे
ग़म को बंटाने में , न कोई होगा ,
खुशियाँ अधिक हो तो आंसू निकलते
गम में बहेंगे तो क्या हर्ज़ होगा ,
अगर हर कोई ऐसा करने लगे तो ,
मुहब्बत बढेगी ,अमन चैन होगा ,
कोशिश करूँगा , पहल मै करू
अच्छा नहीं तो बुरा भी न होगा ,
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