........चाहत ....
खुदा की कसम खूबसूरत हो तुम,नज़र न लगे तुमको छुपा लेंगे हम ,
आँखों में काज़ल तुमको बना लूं ,
या दिल की धड़कन तुमको बना लूं ,
सासों की खुशबू तुझको बना लूं ,
चाहत से अपनी डरते है हम ,
डरता है नज़रों से तेरे ज़माना ,
तेरी अदाओं का मै हूँ दीवाना ,
मुझको नहीं अब कहीं दूर जाना ,
चाहे तू कर ले जितने सितम ,
लेखक -सुनिल अग्रहरि
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