Monday 23 July 2012

dariyae saqui pyar muhabbat ashiqui ishq ke hindi geet kavita





.... दरिया-ए-सकी.......
धन दौलत जिसके साथ है , उसका  जीना  मुश्किल ,
और साकी  जिसके साथ है ,उसका  मरना  मुश्किल ,


खुदा मुझसे कह दे , तू जो चाहे ले ले ,

कहूँगा खुदा से मै , दरया -ए - सकी ,


हवा जब चलेगी ,यूँ  दरिया से हो कर ,

उसका नशा भी अजब होगा साकी ,

जब भी किसी को सताएगी दुनियां ,

तन्हां में साथी  ,  बनेगा ये साकी ,

दरिया किनारे दरख्तों के साये ,

नशा ठन्डे सायों  का अजब होगा साकी ,

रिन्दों की हसरत ,यहीं मरना होगा ,

नशा मरने वालों का अज़ब होगा सकी ,

सारा शहर जब सन्नाटे में होगा ,

सहारा बनेगा ये , दरया -ए - सकी

     लेखक-सुनिल  अग्रहरि 

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