Friday 20 July 2012

koi aaye hindi kavita geet @sunil agrahari





................कोई आये  ................


अब तक है सूनी  ,ये दिल की रहें ,
कोई आये सुन्दर ,ग़ज़ल गुन  गुनाए

दिल की दीवारें कोरी पड़ी है ,
कोई  आये  ,कुछ भी कहीं भी खिचाये

मेरे मन की बगिया ,वीरान वन है
कोई  आये  गुलशन में गुल को खिलायें

आँखों में काला , घना  है अँधेरा
कोई चांदनी सी ,किरण झिलमिलाये


           लेखक-सुनील अग्रहरि 

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