................कोई आये ................
अब तक है सूनी ,ये दिल की रहें ,
कोई आये सुन्दर ,ग़ज़ल गुन गुनाए
दिल की दीवारें कोरी पड़ी है ,
कोई आये ,कुछ भी कहीं भी खिचाये
मेरे मन की बगिया ,वीरान वन है
कोई आये गुलशन में गुल को खिलायें
आँखों में काला , घना है अँधेरा
कोई चांदनी सी ,किरण झिलमिलाये
लेखक-सुनील अग्रहरि
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